आवाज से विद्यार्थीयों को पढऩे में हो रही परेशानी
सागर•Feb 26, 2018 / 09:00 pm•
anuj hazari
DJs playing late in the night at the wedding gardens located in the city
बीना. शहर के बीच स्थित मैरिज गार्डनों में देर रात तक डीजे की आवाज से शोर शराबा हो रहा है, लेकिन इन पर न तो न पुलिस कार्रवाई कर रही है न ही नगरपालिका की ओर से इस ओर ध्यान दिया जा रहा है। शहर में हालात यह है कि शाम होते ही विद्यार्थियों को पढ़ाई कैसे करेंगे यह डर सताने लगता है, लेकिन जिम्मेदार इस ओर ध्यान ही नहीं दे रहे हैं। यदि यही हाल रहे तो बोर्ड परीक्षाओं सहित लोकल परीक्षाओं में शामिल होने वाले विद्यार्थियों के परीक्षा परिणामों पर असर पड़ेगा।
करीब एक महीने पहले तत्कालीन थाना प्रभारी आलोक सिंह परिहार ने बैठक लेकर सभी डीजे संचालकों से कहा था कि वह विद्यार्थियों के भविष्य का ख्याल रखें और डीजे रात दस बजे के बाद न बजाएं, इसके अलावा तय डेसीबल पर ही डीजे बजाए जाएं, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। उनके तबादला होने के बाद से ही धड़ल्ले से डीजे बजाए जा रहे हैं।
हृदय रोगियों की जान को खतरा
शहर में बारातों में दो डीजे सड़कों पर बजते देखे ही जा सकते हैं, लेकिन शहर में स्थित शादी घरों में बजने वाले डीजे की लगातार धमक के कारण उनके आसपास रहने वाले लोगों को हृदय से संबंधित रोगियों को जान खतरा तक बना रहता है। बीपी के मरीजों को भी घबराहट होने लगती है, लेकिन इससे मैरिज गार्डन संचालकों व डीजे संचालकों को कोई सरोकार नहीं है।
ये हैं नियम
– मप्र कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 के अंतर्गत शोरगुल पर लगाम लगाने के लिए नियम बनाए गए हैं, जिसमें धारा 4 के अंतर्गत रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक तेज संगीत नहीं बजाया जा सकता है।
– धारा 7 के अंतर्गत कोलाहल को फैलने से रोकने के लिए लाउडस्पीकर को लकड़ी के केबीनेट में बंद करना जरुरी है।
– धारा 15 के अंतर्गत नियमों का उल्लंघन करने वाले को 6 माह का कारावास और 1 हजार रुपए जुर्माने की सजा है।
क्षेत्र के हिसाब से डेसीबल तय
– रहवासी क्षेत्र में – 55-45
– व्यवसायिक क्षेत्र में – 65-55
– औद्योगिक क्षेत्र में – 75-70
– साइलेंस जोन में – 50-40(डेसीबल)