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सागर

डॉक्टरों की मनमानी मरीजों के लिए बनी परेशानी

व्यवस्थाएं सुधरने का नाम नहीं ले रही हैं। शनिवार को यहां सुबह ८ बजे ओपीडी में ताले पड़े थे।

सागरMay 13, 2018 / 04:33 pm

गुलशन पटेल

Doctor's arbitrariness Problems made for patients

Doctor’s arbitrariness Problems made for patients

सागर. जिला अस्पताल और बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में व्यवस्थाएं सुधरने का नाम नहीं ले रही हैं। शनिवार को यहां सुबह ८ बजे ओपीडी में ताले पड़े थे। मरीज इस भीषण गर्मी में भी दूरदराज से यहां आकर घंटों इंतजार करते हुए लाल-पीले हो रहे हैं। शनिवार को पत्रिका टीम ने जायजा लिया तो यहां वही स्थिति मिली जो शुक्रवार को थी…

जिला अस्पताल
जिला अस्पताल में शनिवार को एक फिर सुबह ८ बजे ओपीडी और सभी वार्ड में ताले लटके थे। सुबह ९ बजे ओपीडी में खाली कुर्सियां डॉक्टर का इंतजार कर रही थीं। जबकि सुबह ८ बजे ही सुरखी, बंडा और आसपास के इलाकों से यहां मरीज आ गए थे।
सुबह ८.१५ बजे खुले ताले
पत्रिका की टीम शनिवार को सुबह ७.५० बजे जिला अस्पताल पहुंच गई थी। सुबह ८.१५ बजे गायनी और शिशु रोग विभाग की ओपीडी खुली। ८.३० बजे नर्स व कर्मचारियों का आना शुरू हुआ। जबकि सुबह ९ बजे तक कोई भी डॉक्टर नहीं आया था।

बीएमसी
बीएमसी में डॉक्टर करीब एक घंटे देरी से आए। बाह्य रोग विभाग की ओपीडी में सुबह ९ बजे तक कोई डॉक्टर नहीं था। बाहर मरीजों की भीड़ लगी थी। सुबह ९.१० बजे एक जूनियर डॉक्टर आए और मरीजों को देखना शुरू किया। ओपीडी के बाहर सप्ताहभर में आने वाले डॉक्टरों की सूची चस्पा थी, जिस पर शनिवार को जिला अस्पताल के डॉ. बीसी जैन, डॉ. शैलेन्द्र शुक्ला की ड्यूटी होना लिखा था, लेकिन वे सुबह १० बजे तक नहीं आए।
सुबह ९ बजे खुलती है ओपीडी
ओपीडी खुलने का समय सुबह ८ बजे का है, लेकिन सुबह ९ बजे तक खुलती है। वह भी जूनियर डॉक्टर के भरोसे। यहां मौजूद स्टाफ से सीनियर डॉक्टर के आने के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि शनिवार को जिला अस्पताल के डॉक्टर के आने का दिन है। कौन से डॉक्टर आएंगे ये पता नहीं। वे दोपहर १२ बजे तक आ सकते हैं।
नेत्र रोग विभाग
सुबह ९.३० बजे तक ओपीडी में डॉक्टर की कुर्सी खाली थीं। कुछ लोग विभाग के बाहर खड़े थे। मरीजों ने बताया कि अंदर पूछतने पर कहा गया कि सुबह ११ बजे के बाद आना।
दंत रोग विभाग
सुबह ९.४५ बजे तक डॉक्टर व स्टाफ गायब था। बाहर एक व्यक्ति खड़ा था, जिसने बताया कि डॉक्टर अभी नहीं हैं, आप कुछ देर बाद आना। टीबी चेस्ट विभाग में एक महिला डॉक्टर दोपहर १२.४८ पर ही ओपीडी से चली गईं। जबकि ओपीडी का समय दोपहर १ बजे तक है।
२ घंटे किया इंतजार
&सुरखी से दो साल की बेटी को लेकर सीमा ठाकुर सुबह ७.३० बजे महिला डॉक्टर से इलाज कराने आई थी। सुबह ६ बजे घर से निकली थीं। दो घंटे बाद भी डॉक्टर नहीं मिले।

तप रहा बच्चा
बंडा की बेजंतीबाई का बच्चा बुखार से तप रहा था। लेकिन सही समय पर डॉक्टर नहीं मिलने से हालत गंभीर हो रही थी।
छुट्टी पर हैं डॉक्टर
डफरिन अस्पताल की प्रभारी डॉ. नीना गिडियन ने बताया कि डॉ. किरण सिंह, डॉ. सुशीला यादव और डॉ. स्वाति छुट्टी पर हैं। अभी तीन डॉक्टर के हाथ में पूरे गायनी विभाग की जिम्मेदारी है। डॉ. ज्योति चौहान और डॉ. ललित पाटिल ही मौजूद हैं। डी मर्जर को लेकर बैठकों के दौर चल रहे हैं। अस्पताल में पहले की तरह व्यवस्थाएं संचालित की जानी हैं।

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