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सागर

भ्रूण हत्या के कारण मनुष्य ईश्वर से दूर होता जा रहा है

प्राचीन जैन मंदिर में संस्कार शिविर का आयोजन

सागरMay 25, 2019 / 01:25 am

vishnu soni

Due to feticide, man is getting away from God

भ्रूण हत्या के कारण मनुष्य ईश्वर से दूर होता जा रहा है

खुरई. प्राचीन जैन मंदिर एवं संतभवन में आयोजित सात दिवसीय संस्कार शिविर के छठे दिवस शुक्रवार को धर्मसभा को संबोधित करते हुए ब्रह्मचारी संदीप भैया सरल ने कहा कि जनसंख्या को नियंत्रित करने के नाम पर गर्भ हत्या को स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए। यदि ऐसा होता रहा तो मनुष्य के विनाश में अधिक समय नहीं लगेगा। मनुष्य को यह अधिकार नहीं कि वह संसार में आने वाले जीव की गर्भ में हत्या कर दे। उन्होंने कहा कि भ्रूण हत्या बेहद क्रूर और अफसोस जनक कृत्य है। कोई मां अपने बच्चे की हत्यारी हो सकती है, इस बात की कल्पना भी अमानवीय है लेकिन सच यह है कि इस देश में करोड़ों ऐसी मातायें है जिनकी कोख बूचडख़ाना बन चुकी है।
वैज्ञानिक उपलब्धियों का उपयोग अच्छे कार्यों के लिए होना चाहिये। यदि विज्ञान ने यह बताने की सहूलियत दी है कि गर्भ में लड़का है या लड़की तो इसका मतलब यह नहीं कि लड़की के भ्रूणा की हत्या कर दी जाए। जो कम संतानें चाहते हैं उन्हें संयमी होना चाहिये। भैयाजी ने कहा कि भ्रूण हत्या के कारण मनुष्य ईश्वर से दूर होता जा रहा है।
भारतीय संस्कृति और सभ्यता में विवाह एक सामाजिक, धार्मिक कार्य है। विवाह का अर्थ केवल भोग नहीं है, भोग की अवधारणा पाश्चात्य है। वहां पहले प्रेम होता है और बाद में विवाह। हमारी परंपराएं और मान्यतायें इसके विपरीत हैं। भारतीय संस्कृति में पहले विवाह बंधन है बाद में प्रेम।


भैयाजी ने कहा कि जो लोग सहजता, सरलता और शांति का जीवन जीना चाहते हैं उन्हें भ्रूणहत्या से बचना चाहिये और किसी भी स्तर पर उसका समर्थन नहीं करना चाहिये। भ्रूण हत्या के प्रति चुप्पी साधने वाला भी बराबर का दोषी है। भ्रूण हत्या समाज के विकृत होने और उसके गलत दिशा में बढऩे का द्योतक है। हर औरत मां बने, हत्यारिन नहीं। मां की कोख यदि वधशाला बन गयी तो मनुष्य जाति के लिए दुनिया में कोई भी स्थान सुरक्षित नहीं रहेगा। प्रवचन के पूर्व आचार्यश्री विद्यासागर महाराज के चित्र का अनावरण करने का सौभाग्य बंडा, सागर, बीना, जरुआखेड़ा, रहली, देवरी, गढ़ाकोटा आदि स्थानों से आए श्रद्धालुओं को प्राप्त हुआ। ज्ञानदीप का प्रज्जवलन पाठशाला की बहनों ने किया। प्रवचन सभा का संचालन राहुल बड्डे, सहयोग अशोक शाकाहार ने किया।
शांति मंत्रों के द्वारा दी जाएगी दीक्षा
अनेकांत ज्ञान मंदिर शोध संस्थान के तत्वाधान में आयोजित 19 मई से 25 मई तक चलने वाले सप्त दिवसीय संस्कार दीक्षा समारोह के समापन पर शनिवार को प्राचीन जैन मंदिर में शांति मंत्रों के द्वारा दीक्षा समारोह आयोजित किया जाएगा। ब्रह्मचारी संदीप भैया सरल सैंकड़ों बाल, युवा शिविरार्थियों को दीक्षित करेंगे। दीक्षा के समय सप्त व्यसन का त्याग, देव दर्शन, माता-पिता की सेवा, शाकाहार का प्रचार-प्रसार, माता-पिता की सहमति से शादी विवाह, मांसाहार का त्याग, आत्महत्या न करने का संकल्प एवं अष्टमूल गुणों का त्याग कराया जाएगा?

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