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सागर

सोयाबीन फसल की लागत बढऩे से किसानों का मोह हुआ भंग, धान और उड़द की कर रहे बोवनी

दो वर्षों से खराब हो रही है सोयाबीन की फसल

सागरJun 20, 2021 / 08:52 pm

sachendra tiwari

Farmers were disillusioned with the increase in the cost of soybean crop, sowing paddy and urad

Farmers were disillusioned with the increase in the cost of soybean crop, sowing paddy and urad

बीना. सोयाबीन की फसल में बढ़ती लागत और दो वर्षों से खराब हो रही फसल के कारण किसानों का मोह भंग होता जा रहा है। इस वर्ष किसानों ने सोयाबीन की जगह उड़द, धान की बोवनी करने का मन बना लिया है। कम पानी में होने वाली धान की बोवनी किसान ज्यादा कर रहे हैं। सोयाबीन का बीज इस वर्ष किसानों को 10 से 12 हजार क्विंटल तक मिल रहा है और यह बीज भी प्रमाणित नहीं है। सरकारी बीज का अभी तक पता नहीं है कि कब आएगा। साथ ही सोयाबीन की खेती की लागत भी साल दर साल बढ़ती जा रही है, पहले खरपतबार नाशक दवाएं, फिर कई बार कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करना पड़ता है, जिससे किसानों को नुकसान हो रहा है। अब किसान धान और उड़द की बोवनी कर रहे हैं। जिसमें 1509, 1718, 1010 वैरायटी की धान की बोवनी कर रहे हैं। क्षेत्र में धान का रकबा बढ़ सकता है। साथ ही उड़द, तिली, मक्का, ज्वार की बोवनी भी किसान कर रहे हैं। पिछले वर्ष सोयाबीन का रकबा 35 हजार हेक्टेयर था जो अब करीब 20 हजार तक सिमटने की उम्मीद है।
कम लागत में तैयार हो जाती है धान की फसल
सेमरखेड़ी के किसान अशोक सिंह ने बताया कि इस वर्ष वह 15 एकड़ में धान की बोवनी कर रहे हैं। क्योंकि पिछले वर्ष सोयाबीन खराब हो गया था और इस वर्ष बीज भी बहुत महंगा मिल रहा है। सोयाबीन से कम लागत में धान हो जाती है, क्योंकि दवाओं का ज्यादा छिड़काव नहीं करना पड़ता है। सेमरखेड़ी में करीब 200 हेक्टेयर में धान की बोवनी की जा रही है।
नहीं मिला सोयाबीन का बीज, उड़द की करेंगे बोवनी
ग्राम हिन्नौद के किसान गोविंद सिंह ने बताया कि इस वर्ष सोयाबीन का बीज नहीं मिल रहा है और जो मिल रहा वह अप्रमाणित है। साथ ही महंगे दामों पर बीज मिल रहा है, जिससे अब उड़द, धान की बोवनी कर रहे हैं। गांव में धान, उड़द का रकबा बढ़ रहा है। हर वर्ष सोयाबीन की फसल में घाटा लग रहा है।
अन्य फसलों की तरफ है रुझान
इस वर्ष सोयाबीन की जगह उड़द, धान का रकबा बढ़ रहा है। क्योंकि साल दर साल सोयाबीन का उत्पादन घट रहा है और किसान हो नुकसान हो रहा है। किसान बोवनी अच्छी बारिश होने के बाद ही करें, जिससे बीज खराब न हो।
राकेश परिहार, आरएइओ

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