हाउसिंग बोर्ड कार्यालय से मिली जानकारी अनुसार वर्ष 2013-14 में दीनदयाल में दो चरणों में मकान निर्माण कराया गया था। इस प्रोजेक्ट के तहत यहां पर 68 मकानों का निर्माण कराया गया था। जिसमें एचआईजी, एमआईजी और एलआईजी तीनों प्रकार के मकान शामिल थे। इस सभी 68 मकानों के निर्माण के लिए करीब 4.5 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट था। इन सबको जोड़ा जाए तो यहां पर एचआईजी, एमआईजी और एलआईजी मिलाकर करीब 5588 वर्गफीट में कुल 8 डुप्लेक्स हैं, जिनको बचने के लिए बोर्ड ने 98 लाख कीमत रखी है।
खरीददार न मिलने का यह भी एक कारण
मकरोनिया क्षेत्र में मकान-प्लाट और अन्य जमीन संबंधी कार्य करने वाले लोगों से जब इन डुप्लेक्स को लेकर बात की गई तो उनका कहना था कि बोर्ड द्वारा रखी गई कीमत काफी ज्यादा है। यही कारण है कि इन्हें खरीददार नहीं मिल रहे हैं। यहां पर लोग इन खंडहरों को खरीदने से बेहतर एक प्लाट लेकर मकान तैयार कराएगा तो वह सालों तक टिकेगा। बोर्ड द्वारा बनाए गए मकानों के निर्माण भी गुणवत्तापूर्ण नहीं है और उसके बाद सालों से लावारिस पड़े रहने के कारण खंडहर जैसी स्थिति भी बन चुकी है।
ये डुप्लेक्स बन रहे खंडहर
01. यहां पर एक एचआईजी-15, यह एक डुप्लेक्स हैं, जिसका क्षेत्रफल करीब 1450 वर्गफीट है। इसे बेचने के लिए हाउसिंग बोर्ड ने 30.42 लाख रुपए कीमत रखी है, लेकिन इसकी हालात यह है कि यहां आसपास के लोगों ने बकरियां बांधना शुरू कर दिया है।
02. एमआईजी-181 व 198 डुप्लेक्स करीब 850 वर्गफीट में हैं। इनकी कीमत 15.41 व 15.75 लाख रखी है।
03. यहां पर सबसे ज्यादा पांच एलआईजी हैं जो 450 से 500 वर्गफीट के करीब एरिया है। इनके लिए बोर्ड ने 7.24 से 7.35 लाख तक बेचने कीमत रखी है।