पोस्ट ऑफिस स्थित पासपोर्ट कार्यालय के एक अधिकारी का कहना है कि दमोह, छतरपुर और टीकमगढ़ के लोगों को पासपोर्ट बनवाने के लिए भोपाल जरूर जाना पड़ता था। इस आवाजाही के चक्कर में कई लोग यह पहचान-पत्र नहीं बनवाते थे। लेकिन अब यह सुविधा सागर में शुरु हुई तो लोगों की पासपोर्ट बनवाने की रुचि एक बार फिर जाग गई। इसलिए संख्या में इजाफा हो रहा है।
– सभी दस्तावेज पासपोर्ट ऑफिस में जमा होने के बाद ओरिजनल कॉपी से वेरिफिकेशन किया जाता है। इसके बाद पुलिस द्वारा आपराधिक जानकारी बनाई जाती है। इसके लिए पुलिस द्वारा दो पड़ोसी या परिचितों से शिनाख्त रिपोर्ट लेने के बाद पासपोर्ट ऑफिस भेज दी जाती है।
सितंबर – 147 अक्टूबर – 270
नवंबर – 264 दिसंबर – 254
जनवरी – 92
पोस्ट ऑफिस में पासपोर्ट केंद्र खुलने से लोगों का रूझान बढ़ा है। भोपाल जाने का चक्कर भी कम हो गया है, हर माह से २०० से ऊपर पासपोर्ट बनाए जा रहे हैं। केके दीक्षित, अधीक्षक डाक विभाग