रसीद अहमद ने बताया कि जैसे ही उन्हें जानकारी मिलती है भारतीय खिलाड़ी गोल्ड के लिए खेलने वाली है। वह टीवी पर टकटकी लगा लेते है। जहां देखते है कि भारत की बेटी हिमा दास राटिना स्टेडियम में खेले गए फाइनल में 51.46 सेकेंड का समय निकालते हुए जीत हासिल कर देती है। ये वह वक्त था जब हर उस भारतीय के आंख आंसू में थे, जो खेल और भारत के प्रति भावना रखता है।
जिस फाइनल पर हिमा दास ने ५१.४६ सेकंड का समल निकालते हुए रिकॉर्ड जीत हासिल कर ली है। उसी दौड़ के ३५वें सेकंड तक हिमा दास रेस ेसे बाहर नजर आ रही थी। वह उन शीर्ष खिलाडिय़ों में नजर नहीं आ रही थी, जो आगे दौड़ रहे थे, लेकिन यही वह क्षण था कि हिमा दास ने अपने साहस का परिचय दिया और सबको पछाड़ते हुए विजय हासिल की थी।
भारत के असम प्रदेश की बेटी हिमा दास एक साधारण परिवार की बेटी है। पिता किसान है। बचपन से ही एथलीट बनने की चाह हिमा की थी, जिसे परिवार का भरपूर सपोर्ट मिला। अपनी मंजिल पाने के लिए वैसे तो हिमा को बहुत से त्याग करने पड़े, लेकिन १२ जुलाई २०१८ का वह स्वर्णिम पल उनके जीवन की नई ऊचाईयों को लेकर आया है। हिमा दास अब गोल्डमेडलिस्ट हिमा दास कहलाएंगी। पूरे भारत को उन पर गर्व है। हिमा दास पर को सोशल मीडिया पर भी बधाईयां देने का सिलसिला जारी है।