scriptबुंदेलखंड के इस जिले में प्यासी धरती निगल गई 17 परियोजनाएं | Irrigation and drinking water project | Patrika News
सागर

बुंदेलखंड के इस जिले में प्यासी धरती निगल गई 17 परियोजनाएं

धसान-केन बेसिन के तहत कहने को तो २४ सिंचाई व पेयजल परियोजनाएं हैं, लेकिन गर्मी में आखिर तक साथ देने वाली मात्र तीन परियोजनाएं ही सामने आई हैं।

सागरMay 24, 2018 / 05:29 pm

गुलशन पटेल

Irrigation and drinking water project

Irrigation and drinking water project

सागर. धसान-केन बेसिन के तहत कहने को तो २४ सिंचाई व पेयजल परियोजनाएं हैं, लेकिन गर्मी में आखिर तक साथ देने वाली मात्र तीन परियोजनाएं ही सामने आई हैं। बुंदेलखंड की प्यासी धरती २४ में से १७ जल परियोजनाओं को गटक चुकी है, जबकि ४ ऐसी हैं, जो एक सप्ताह के भीतर सूख सकती हैं। तीन में से दो परियोजनाओं में वर्तमान में क्रमश: ६९ और ६३ प्रतिशत पानी है जबकि तीसरी में ४१ प्रतिशत पानी बचा है। मानसून आने में लगभग २५ दिन का समय है। ऐसे में आने वाले दिन पेयजल के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं।
इन परियोजनाओं ने दिया साथ
सुराजपुरा प्रो. सागर में ६९ प्रतिशत पानी है।
धारौली टैंक दमोह में ६३ प्रतिशत पानी शेष है।
सोनपुर मीडियम प्रो. सागर में ४१ प्रतिशत पानी उपलब्ध है।

ये हैं वे टैंक
बिला टैंक सागर, सत्धारा टैंक सागर, सुराजपुरा प्रो. सागर, पगरा टैंक सागर, टिकारी टैंक सागर, केसली टैंक सागर, समनापुर टैंक सागर, सोनपुर मीडियम प्रो. सागर, मनसुरवरी टैंक सागर, बैनीगंज टैंक छतरपुर, बुरहा टैंक छतरपुर, गौरा टैंक छतरपुर, कुटनी डेम छतरपुर, रनगुवां डेम छतरपुर, सिंघपुर बैराज छतरपुर, उर्मिल डेम छतरपुर, नंदनवाड़ा टैंक टीकमगढ़, बरुआ नाला टीकमगढ़, राजेंद्र सागर डेम टीकमगढ़, पंचमनगर प्रो. दमोह, धारौली टैंक दमोह, माला टैंक दमोह, भजिया टैंक दमोह, देवेंद्र नगर टैंक पन्ना


१९ मार्च को ये थी बेसिन की स्थिति
जलाशय उपलब्ध जल
०९ १० प्रतिशत से कम
०२ १० से २५ प्रतिशत
०२ २५ से ५० प्रतिशत
०५ ५० से ७५ प्रतिशत
०२ ७५ से ९० प्रतिशत
०४ ९० प्रतिशत से ज्यादा
२३ मई की स्थिति
१७ १० प्रतिशत से कम
०४ १० से २५ प्रतिशत
०१ २५ से ५० प्रतिशत
०२ ५० से ७५ प्रतिशत
०० ७५ से ९० प्रतिशत
०० ९० प्रतिशत से ज्यादा

 

इधर, नलों में आया कीचड़ व बदबूदार पानी
राहतगढ़. नगरपरिषद द्वारा नलों में सप्लाई किया गया कीचडय़ुक्त व बदबूदार पानी लोगों की परेशानी का कारण बना हुआ है। प्रयोग में न लाने योग्य पानी की सप्लाई पर कुछ जागरूक लोगों ने सीएमओ राजेश खटीक से जानकरी ली तो उन्होंने बताया कि पानी की टंकी की सफाई की जा रही है। इसी दौरान अचानक वाल्ब खुल जाने के कारण इस गंदे पानी की नल में सप्लाई शुरू हो गई है। पालिका ने इस पानी की सप्लाई नहीं की थी। इस घटनाक्रम के दोषी का पता लगाया जा रहा है और संबंधित के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। क्षेत्र के लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा।

Home / Sagar / बुंदेलखंड के इस जिले में प्यासी धरती निगल गई 17 परियोजनाएं

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो