सागर

जमीन श्मशान की, हो रही खेती, आए दिन हो रहे विवाद

अंतिम संस्कार करने जाते हैं लोग तो होता है विवाद, अधिकारी अंजान

सागरOct 13, 2018 / 08:59 pm

sachendra tiwari

Land of crematorium, getting farming, day-to-day disputes

बीना. ग्रामीण क्षेत्रों में श्मशानघाट की जमीन पर अतिक्रमण होने की शिकायतें आए दिन आती हैं, लेकिन जनपद पंचायत के अधिकारी और ग्राम पंचायतों द्वारा कोईकार्रवाईनहीं की जाती है, जिससे अंतिम संस्कार करने में आए दिन विवाद की स्थिति बनती है। बीना ब्लॉक में 64 ग्राम पंचायतें हैं और सभी पंचायत मुख्यालयों पर भी अभी तक श्मशानघाटनहीं बन पाए हैं। इन पंचायतों के अंतर्गत अन्य गांव भी आते हैं उनमें भी यही स्थिति है। गांवों में श्मशान के लिए जगह तो आरक्षित है, लेकिन शेड न बने होने के कारण इनपर ग्रामीणों द्वारा अतिक्रमण कर खेती की जा रही है। अतिक्रमण हटाने के लिए जनपद पंचायत की बैठकों पर कईपर मांग की गई और प्रस्ताव भी पारित हुए, लेकिन इस तरफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। श्मशान घाट पर अतिक्रमण होने के कारण ही खजुरिया गांव में अतिक्रमणकारियों ने जलती चिता में पानी डालकर आग बुझा दी थी। इसकी शिकायत में पीडि़तों ने एसडीओपी से की है। यह पहला मामला नहीं है जब अंतिम संस्कार करने में विवाद हुआ है इसके पहले भी क्षेत्र के कई गांवों में इस तरह के विवाद सामने आ चुके हैं।
राशि निकली पर शेड नहीं बने
कुछ पंचायतें ऐसी भी हैं जहां श्मशानघाट में शेड बनाने के लिए राशि भी निकल चुकी है, लेकिन शेड अधूर पड़े हैं और जहां बने हैं वहां घटिया निर्माण के चलते शेड धराशायी हो चुके हैं, जिससे खुले आसमान के नीचे ही अंतिम संस्कार करना पड़ता है। सबसे ज्यादा परेशानी बारिश में होती है और लोगों को खेतों में अस्थाईशेड बनाकर अंतिम संस्कार करना पड़ता है।
154 गांव, 51 में बने शेड, 102 के लिए मस्टर जारी
ब्लॉक में 154 गांव हैं, जिसमें एक ग्राम खमऊखेड़ी में श्मशानघाट के लिए जगह नहीं है और 102 गांवों में श्मशानघाट बनाने के लिए मस्टर जारी हो चुके हैं। कईजगह काम शुरू हुए हैं तो कुछ ग्रामों में अभी काम शुरू होना हैं। अब इन्हें बनने में भी सालों लग सकते हैं, क्योंकि पहले ही शेड अभी अधूरे हैं।
सर्वे कराकर बनाई है सूची
कुछ दिनों पूर्वही ऐसी श्मशानघाटों का सर्वे कराया गया था, जहां अतिक्रमण है और इसकी सूची एसडीएम को सौंपी है। साथ ही नए शेड भी बनाए गए हैं और जहां मरम्मत के जरुरत थी वहां मरम्मत भी करा दी गई है।
सुरेन्द्र साहू, सीईओ, जनपद पंचायत

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