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सागर

एनएच-26 पर वकीलों को लूटने वाले कंजर गिरफ्तार

पुलिस आज कर सकती है खुलासा

सागरJul 02, 2018 / 09:48 am

sunil lakhera

Lawyers robbery Arrested Kanjar NH-26

Lawyers robbery Arrested Kanjar NH-26

सागर. हाइवे के लुटेरे कंजर अंतत: पुलिस के हत्थे चढ़ ही गए। पुलिस ने गिरोह के कुछ सदस्यों को बैरसिया (भोपाल) के पास से गिरफ्त में लिया है। पुलिस को देखकर कंजरों ने भागने की कोशिश की।
पकड़े गए कंजर पहले भी जिले में कई वारदातों को अंजाम दे चुके हैं, जिनके बारे में पुलिस सख्ती से पूछताछ कर रही है। कंजर गिरोह को दबोचने के बाद पुलिस अब कोर्ट में पेश करने से पहले उनसे हाइवे से लूटे गए जेवर-नकदी बरामद करने के अलावा उनके साथियों तक पहुंचने का भी प्रयास कर रही है। सूत्रों के अनुसार पुलिस ने लुटेरों से कुछ माल बरामद भी कर लिया है।
हाइवे पर 24 जून की रात ग्वालियर हाइकोर्ट के वकीलों से लूट की वारदात का पुलिस सोमवार को खुलासा करने का दावा कर रही है। पुलिस के हाथ कंजर गिरोह के दो-तीन सदस्य आ गए हैं। मामले में लूट के बाद पीडि़त वकीलों से पूछताछ कर तैयार कराए गए स्कैच से पुलिस के सामने आरोपियों की पहचान सामने आई और दतिया, मऊरानीपुर, झांसी, भोपाल और अन्य स्थानों पर तलाश में भटक रही एसआइटी ने भोपाल के नजदीक बैरसिया के पास से आरोपियों को दबोच लिया।
एसपी सत्येन्द्र कुमार शुक्ल और एएसपी रामेश्वर सिंह के निर्देशन में काम कर रही एसआइटी में शामिल अधिकारी 25 जून से लगातार उप्र, राजस्थान सहित प्रदेश के कई क्षेत्रों में कंजर गिरोह की टोह में भटक रहे थे।
पुलिस को इसलिए भी ज्यादा परेशानी आई क्योंकि वारदात को अंजाम देने के बाद हिस्सा लेकर कंजर अलग हो जाते हैं। वे महीनों या उससे भी ज्यादा समय न तो संपर्क करते हैं और न ही एक-दूसरे से मिलते हैं। इससे वारदात के बाद किसी एक के पकड़े जाने के बाद भी पुलिस सभी सदस्यों को गिरफ्तार करने यहां से वहां भटकती रहती है।
कंजरों का कारगर औजार है रांपी
लूट-हत्या को नृशंसतापूर्वक अंजाम देने वाले कंजर गिरोह का अपना अलग ही पैटर्न होता है। 24 जून की रात कंजरों ने एनएच-26 पर प्रेमपुरा के पास में हाइकोर्ट के वकीलों की कार को लूटा था, वह भी उनका सबसे कारगर तरीका था।
गिरोह के सदस्य हाइवे पर धारदार रांपी को इस तरह फिट करते हैं कि 60-100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ते वाहन के टायर की रबर को यह काटते हुए टयूब तक पहुंच जाती है और टायर पंचर या बस्र्ट हो जाते हैं। रांपी लगाकर की गई घटना के बाद ही पुलिस के शक की सुई कंजरों की ओर गई थी और इसी से अधिकारियों को सफलता हाथ लगी।
नकाब पहनने पर भी नहीं देते ध्यान
कंजर शातिर और पेशेवर अपराधी होते हैं। वे गिरोह में काम करते हैं, पर अब भी मोबाइल, इंटरनेट या अन्य तरीकों और संसाधनों से दूर रहते हैं, इसलिए पुलिस को इनकी तलाश और गिरफ्तारी में मशक्कत करनी पड़ती है। वे पीछे आमतौर पर सुराग भी नहीं छोड़ते और लूट-डकैती जैसी वारदात को अंजाम देते समय हत्या तक कर डालते हैं। पुलिस के अनुसार कंजर गिरोह के सदस्य प्लानिंग के बाद वारदात को अंजाम देते हैं, लेकिन पहचान छिपाने के लिए नकाब पहनना उनके तरीके में शामिल नहीं है। जिले में 24 जून की रात मालथौन के पास और फरवरी में गुड़ा पहाड़ी पर चार ट्रकों को पंचर कर लूटपाट-हत्या की वारदात के समय भी कंजरों ने चेहरे पर नकाब नहीं पहना था।
आसानी से कबूल नहीं करते अपना जुर्म
शातिर लुटेरे कंजर रोड-रॉबरी की वारदातों में रांपी का इस्तेमाल करते हैं, क्योंकि रांपी उनका सबसे विश्वसनीय औजार है और आसानी से सड़क पर वाहनों को पंचर कर देती है। तेज रफ्तार वाहन अचानक टायर बस्र्ट होने के बाद अक्सर पलट जाते हैं या रुक जाते हैं और कंजरों उन्हें घेरकर आसानी से लूट ले जाते हैं। वारदात को अंजाम देने के लिए रांपी को कहीं भी ले जाने और उसे छिपाकर भागने को भी कंजरों को आसानी होती है। लूट-हत्या की वारदात के बाद पकड़े जाने पर भी वे पुलिस के सामने आसानी से अपना जुर्म कबूल नहीं करते।

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