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सौ से ज्यादा कर्मचारी, दो पोकलेन व एक क्रेन की मदद से नौ घंटे में रखा गया एलएचएस

इसी माह मिल सकती है अंडरब्रिज की सौगात

सागरMay 30, 2020 / 08:50 pm

anuj hazari

LHS placed in nine hours with the help of more than a hundred employees, two poklen and one crane

LHS placed in nine hours with the help of more than a hundred employees, two poklen and one crane

बीना. शहर की जनता को रेलवे गेट के जाम से मुक्ति इसी माह मिल सकती है, क्योंकि इसके लिए अंडरब्रिज का काम शुरू हो गया है जो इस माह पूरा हो सकता है। बारिश के बाद यहां पर किसी प्रकार का काम कराना मुश्किल हो जाएगा।
शनिवार को रेलवे के सभी विभागों के करीब सौ से ज्यादा कर्मचारियों ने दो पोकलेन व एक के्रन मशीन के सहारे नौ घंटे में एलएचएस रखा। सभी अधिकारी, कर्मचारी सुबह 6 बजे इमली वाली दरगाह के पास पहुंचे जहां से अंडरब्रिज बनाया जाना है। ब्लॉक लेट मिलने के कारण काम सुबह साढ़े आठ बजे से शुरू हो सका। इसके लिए सबसे पहले इंजीनियरिंग विभाग के कर्मचारियों ने रेलवे ट्रैक की मार्किंग करके काटकर अलग किया और कुछ कर्मचारियों ने बिना कोई देर किए पटरी से गिट्टी को साफ किया ताकि जल्द से जल्द वहां पर खुदाई की जा सके। पटरी को अलग करने के बाद दो पोकलेन मशीन से खुदाई शुरू की गई जो करीब पांच घंटे बाद जरूरत के हिसाब से गड्ढा खोद सकी। इसके बाद क्रेन से बेस रखा गया और उसके बाद एलएचएस(लो हाइट सब-वे) वहां पर रखा गया। इसके रखे जाने के बाद जल्द ही अब नीचे की खुदाई करके अंडरब्रिज के ब्लॉक लगा दिए जाएंगे यह सब बारिश के पहले ही किया जाना है। इस दौरान इंजीनियरिंग, टीआरडी व टेलीकॉम विभाग के अधिकारी, कर्मचारी मौजूद रहे।
सोशल डिस्टेंस की उड़ी धज्जियां
काम के समय किसी भी अधिकारी कर्मचारी ने सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं किया। सभी कर्मचारी एक दूसरे से सटकर काम कर रहे थे। जबकि किसी भी प्रकार के काम के लिए सरकार ने सोशल डिस्टेंस का पालन करना सुनिश्चित किया है।
पुलिसकर्मी भी नहीं रहे मौजूद
यह काम शहर के बीच में चल रहा था और इसे देखने के लिए भी बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे थे, लेकिन रेलवे ने इसके लिए आरपीएफ के लिए नहीं बुलाया। जिसके कारण लोगों की भीड़ जमा रही। जबकि वहां पर केवल कर्मचारियों के अलावा किसी और को नहीं पहुंचना था।
नौ घंटे बाद चलाई गई ट्रेन
सुबह करीब आठ बजे के बाद शाम करीब छह बजे पहली टे्रन यहां से निकाली गई। करीब नौ घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद रेल लाइन पर एलएचएस लगाने का काम पूरा किया जा सका।
डिक्स केबल भी टूटी
रेल लाइन की दूसरी तरफ के एरिया के लिए डाली गई डिक्स की केबल भी टूट गई। क्योंकि इसी जगह से केबल ऑपरेटरों ने पाइप के माध्यम से रेल लाइन के नीचे से डिक्स की केबल डाल रखी थी।

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