आचार्यश्री ने कहा चिरंजीव कोई नहीं होता चिरंजीव तो भगवान होते हैं जो अनंत काल तक जीते हैं हम तो पूर्ण आयु की कामना करते हैं। बीच में अकाल मरण ना हो आयु को पूर्ण करके मृत्यु हो भाग्योदय तीर्थ में चिरायु का इलाज आयुर्वेदिक पद्धति से होना भी चाहिए। पूर्ण आयु के लिए सम्यक दर्शन सम्यक ज्ञान और सम्यक चरित्र की आवश्यकता है। शिष्य की दृष्टि हमेशा गुरु के ऊपर रहना चाहिए जबकि गुरु की दृष्टि सभी शिष्यों के ऊपर रहती है।
रविवार को सुबह आचार्यश्री की पूजन भाग्योदय जैन मंदिर कमेटी के सदस्य और महिला मंडल ने की। आचार्य श्री का पाद प्रक्षालन कैलाश जैन सिहोरा परिवार और देवेंद्र जैन सिहोरा परिवार ने किया। आहार चर्या कैलाश जैन सिहोरा नीरज जैन नितिन जैन की चौके में संपन्न हुई। आहारचर्या के बाद इस परिवार ने बड़ी प्रतिमा विराजमान कराने की घोषणा की। दोपहर में प्रवचन के पूर्व मंगलाचरण श्रीमती रानू सट्टू कर्रापुर और ज्ञान सागर पाठशाला के बच्चों द्वारा नाट्य प्रस्तुति के साथ किया।
३५०० मरीजों ने नाड़ी को दिखाकर ली दवा
आचार्य श्री के आशीर्वाद और मुनि प्रसाद सागर महाराज की प्रेरणा से निशुल्क आयुर्वेदिक चिकित्सा शिविर का आयोजन भाग्योदय में किया गया। 2 दिन के इस शिविर में लगभग पैंतीस सौ मरीजों ने डॉक्टरों को नाड़ीदिखा कर के दवाई ली। बाहर से आए सभी डॉक्टरों का सम्मान किया गया। कुंडलपुर के बड़े बाबा और आचार्य ज्ञानसागर महाराज के चित्र का अनावरण भाग्योदय के सभी ट्रस्टीयों और बांदरी पंचकल्याणक के प्रमुख पात्रों के द्वारा किया गया। दीप प्रज्वलन न्यायधीश अजय गर्ग राहुल जैन और प्रेरणा जैन ने किया कार्यक्रम का संचालन मुकेश जैन ढाना किया। रविवारीय प्रवचन के दौरान सहस्त्र कूट जिनालय में 50 से अधिक प्रतिमाएं विराजमान कराने के लिए श्रद्धालुओं ने स्वीकृति दी।