जनप्रतिनिधि-प्रशासन नहीं ले पाए निर्णय
सागर•Sep 10, 2018 / 11:50 am•
sunil lakhera
Makaroniya will become Mini Smart City
सागर. उपनगरीय क्षेत्र मकरोनिया के लोगों को मिनी स्मार्ट सिटी बनाने के सपने दिखाने वाले जनप्रतिनिधि अपनी आपसी कलह से ही निपटते नजर नहीं आ रहे हैं। क्षेत्र में होने वाले छोटे-बडे़ सभी कार्यों में नपाध्यक्ष सुशीला रोहित और विधायक प्रदीप लारिया में जैसे श्रेय लेने की होड़ सी मची है। यही कारण है कि करीब छह माह बाद भी मीट मार्केट का विस्थापन भी नहीं हो सका है। इस मामले को लेकर जमीन के चयन की जिम्मेदारी विधायक लारिया की थी, लेकिन इस पर अभी तक निर्णय नहीं हो सका। नतीजतन जिस बेशकीमती शासकीय जमीन से अतिक्रमण हटाया गया था, मांस व्यापारी फिर से उसी पर काबिज हो गए हैं और जिम्मेदार को मुंह चिढ़ा रहे हैं। यह तो एक मामला है इसके अलावा नपा के तीन साल के कार्यकाल में कई एेसे मामले उजागर हुए हैं जहां विधायक व नपाध्यक्ष आमने-सामने नजर आई हैं, जबकि दोनों ही भाजपा के पदाधिकारी हैं। दोनों की इस प्रतिद्वंदिता का खामियाजा स्थानीय रहवासियों को उठाना पड़ रहा है।
राजस्व विभाग बता चुका जमीन- मार्च में मकरोनिया चौराहे के समीप सालों के अतिक्रमण को जमीदोज करने के बाद मांस व्यापारियों को दूसरी जगह शिफ्ट करने की प्लानिंग तैयार की गई थी। इस कार्रवाई के करीब एक सप्ताह बाद ही एसडीएम एलके खरे ने क्षेत्र में करीब चार से पांच जमीनें दिखाई थी, लेकिन अंतिम निर्णय विधायक लारिया के ऊपर छोड़ दिया गया था। इसके बाद से आज तक यह कार्रवाई आगे नहीं बढ़ सकी है। मामले को लेकर एसडीएम खरे का कहना है कि प्रशासन की ओर से जिस मीट मार्केट का अतिक्रमण हटाया गया था, उसका सीमांकन करके उसका कब्जा नगर पालिका को दे दिया गया था। जमीन पर जो विकास होने थे उनकी जिम्मेदारी नपा की थी।
मार्केट विस्थापन के लिए मैंने स्वयं करीब तीन से चार अलग-अलग जमीने दिखाई थी। इसके बाद जमीन का चयन कर नपा को आवंटन के लिए प्रस्ताव राजस्व विभाग को भेजना था, लेकिन अब तक मुझे प्रस्ताव नहीं मिला है।
एलके खरे, एसडीएम, सागर