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एेतिहासिक झील में डि-सिल्टिंग की सिंगल निविदा का निर्णय टला

एमआइसी सदस्यों से चर्चा के बाद डि-सिल्टिंग का काम कराने के लिए नियमानुसार कार्रवाई की बात करते हुए इस विषय को आगे बढ़ा दिया है।

सागरJun 16, 2018 / 11:40 am

गुलशन पटेल

MIC meeting

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सागर. लाखा बंजारा झील के शुद्धिकरण के लिए संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा स्वीकृत की गई 269 लाख की राशि नगर निगम के खाते में आ गई है, लेकिन गुरुवार को हुई महापौर की अध्यक्षता में आयोजित (एमआइसी) की बैठक में डि-सिल्टिंग के लिए एकल निविदा का प्रस्ताव पारित नहीं हो सका। एमआइसी सदस्यों से चर्चा के बाद डि-सिल्टिंग का काम कराने के लिए नियमानुसार कार्रवाई की बात करते हुए इस विषय को आगे बढ़ा दिया है। बैठक की शुरूआत में झील शुद्धिकरण के संबंध में जनभागीदारी समिति व कलेक्टर आलोक कुमार सिंह द्वारा किए गए काम को लेकर धन्यवाद प्रस्ताव पारित कर उन्हें निगम परिषद की बैठक में सम्मानित करने का निर्णय लिया गया।
बैठक में एमआईसी सदस्य विनोद तिवारी, जिनेश साहू, नीरज जैन, पुष्पा पटैल, याकृति जडिय़ा, श्वेता यादव, नीतू खटीक, पुष्पा अहिरवार, उपायुक्त डॉ. प्रणय कमल खरे, आरपी मिश्रा, इइ विजय दुबे, लखनलाल साहू, पूरनलाल अहिरवार, राजेन्द्र दुबे, संजय तिवारी, रामाधार तिवारी, दिनकर शर्मा, रमेश चौधरी, महादेव सोनी, दामोदर ठाकुर, लेखापाल शरद बरसैंया, स्वास्थ्य अधिकारी राजेशसिंह, आनंद मंगल गुरू, कृष्णकुमार चौरसिया सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।
यह भी निर्णय
निकाय क्षेत्र में स्थापित पांरपरिक स्ट्रीट लाइट के स्थान पर ऊर्जा दक्ष एलइडी में परिवर्तन का काम, समूह आधारित (कलस्टर आधारित) जन-निधि भागीदारी (पीपीपी) के आधार पर कराए जाने के संबंध में स्वीकृति दी गई।
शासन के शासकीय सेवकों व स्थाईकर्मी को देय मंहगाई भत्ते की दर में 1 जनवरी 2018 के सातवें वेतनमान में 2 प्रतिशत और छठवें वेतनमान में 3 प्रतिशत की वृद्धि किए जाने की स्वीकृति दी गई।
रेल दुर्घटना में अपना पैर गंवा चुके निगम में फायर विभाग के स्थाइकर्मी राजाराम सेन 27 रुपए के करीब आर्थिक सहायता दिए जाने की स्वीकृति दी गई।
कार्ययोजना बनाने का निर्णय
शहर में चौक-चौराहों की जगह अब एक पार्क तैयार कर महापुरुषों की प्रतिमाएं स्थापित करने एक कार्य योजना बनाए जाने का निर्णय लिया गया है। यह बात सेवानिवृत्त जिला सैनिक कल्याण कार्यालय के द्वारा आशुतोष पांडे के बलिदान स्वरूप स्मृति स्मारक के रूप में पीलीकोठी चौराहा-मकरोनिया चौराहे पर स्थापित करने की अनुमति चाही गई थी, जिस पर चर्चा करते हुए निर्णय लिया गया कि नगरीय निकायों की तरह सागर में भी अमृत योजना के तहत बनाए जा रहे पार्क में सभी महापुरुषों की प्रतिमा स्थापित करने का मसौदा तैयार किया जाए। इसके अलावा महाराणा प्रताप की प्रतिमा सिविल लाइन स्थित चन्द्रा पार्क में स्थापित करने की बात पर भी परिषद में निर्णय नहीं हो सका।

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