तिरुपतिपुरम कॉलोनी निवासी पराग ने पहले प्रयास में मैन्स एग्जाम क्लीयर किया है। उनका चयन डीएसपी के पद पर हुआ है। पराग ने बताया कि बिना टाइम मैनेजमेंट के मैं यह मुकाम हासिल नहीं कर सकता था। पहले दिल्ली में १० माह कोचिंग की और उसके बाद घर पर तैयारी की। घर पर पुराने पेपर से ज्यादा पढ़ाई की। कमजोर विषय के लिए अधिक समय दिया। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय पिता अशोक कुमार को दिया है।
लाजपतपुरा वार्ड निवासी नाहिद अंजुम का चयन नायब तहसीलदार पद के लिए हुआ है। अंजुम ने बताया कि चार सालों की तैयारी के बाद मेरा मेन्स क्लियर हुआ है। हाल ही में मेरा रेलवे में भी चयन हुआ था। चार साल में चयन न होने पर भी माता-पिता द्वारा सहयोग करने पर वे यह मुकाम हासिल कर सकी हैं। अंजुम ने अपनी मां अंजुम आरा को सफलता का श्रेय दिया है।
आईएएस बनना चाहती हैं अनामिका
बीना. नईबस्ती निवासी अनामिका सराफ नायब तहसीलदार के पद पर चयनित हुई हैं। अनामिका ने बताया कि यह तीसरा प्रयास था। इसके पहले वे दो बार इंटरव्यू तक पहुंची, लेकिन अंतिम सूची में नाम नहीं आया। अनामिका अब और ज्यादा मेहनत कर आईएएस बनना चाहती हैं। उनके पिता अश्वनी सराफ शिक्षक हैं, जो भिलावली स्कूल में सहायक शिक्षक के पद पर पदस्थ हैं।
2 से 3 पढ़ाई कर बनाया मुकाम
शाहपुर निवासी प्रियंक श्रीवास्तव पिता जगदीश प्रसाद का चयन नायब तहसीलदार के पद पर हुआ है। वर्तमान में भी वे भोपाल में वाणिज्य कर निरीक्षण के पद पर कार्यरत हैं। प्रियंक की नियुक्ति पर गांव में उत्सव का माहौल है। बड़े भाई मयूर श्रीवास्तव ने बताया कि इससे पहले प्रियंक का चयन वाणिज्य कर निरीक्षण व विकासखंड अधिकारी के पद पर भी हो चुका है। प्रियंक की मां गृहणी हैं और पिता दमोह नगर पालिका में लेखापाल के पद पर कार्यरत थे, वे अभी हाल ही में रिटायर्ड हुए हैं। प्रियंक के अनुसार लगन से पढ़ाई करने पर सफलता आसानी से मिल सकती है। मैंने प्रतिदिन २-३ घंटे ही पढ़ाई की है।
शिवांगी डिप्टी कलेक्टर बनीं
छतरपुर की शिवांगी अग्रवाल का चयन डिप्टी कलेक्टर के पद पर हुआ है। शिवांगी वर्तमान में नगर पालिका शाजापुर में असिस्टेंट अकाउंट ऑफिसर हैं।
पहले प्रयास में ही सफल
टीकमगढ़ के मऊचुंगी निवासी दुर्गेश तिवारी पहले प्रयास में नायब तहसीलदार के पद पर चयनित हुए हैं। वे इसका श्रेय माता-पिता को देते हैं।