मूर्तिकारों ने बताया कि माता का विभिन्न रूपों में श्रंगार हो रहा है। मिट्टी के ही आभूषण पहनाएं गए हैं। जिनमें प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल किया गया है। स्थानिय मूर्ति बनाने वाले कलाकारों ने बताया कि यहां से प्रतिमाएं जबलपुर, अशोक नगर और मालथौन आदि स्थानों पर जा रही हैं। प्रतिमा पर बारिकी से किए गए काम को लोग पसंद करते हैं। शहर के अलावा विभिन्न स्थानों पर जाने वाली प्रतिमाएं पहले से ही बुक करा ली जाती हैं।
मूर्तिकारों ने जून माह से ही माता की प्रतिमा बनाना शुरू कर दी थीं। अंकित विश्वकर्मा ने बताया सिद्ध धाम मंदिर में माता की अर्धनागेश्वर की प्रतिमा बनाई जा रही है। इस बार भगवान कृष्ण के साथ भी माता की प्रतिमा बनाई है। अब प्रतिमाओं पर कलर किया जा रहा है। कुछ दिन शेष रह गए हैं तो जल्द ही श्रंृगार करके माता की प्रतिमाएं तैयार हो जाएंगी।