हॉस्टल की आधार शिला पूर्व कुलपति प्रो. एनएस गजभीए ने रखी थी। हालांकि उनके जाने के बाद विवि में काफी उठा पटक हुई थी। इस वजह से विवि में कई निर्माण कार्य अभी तक मूल रूप नहीं ले पाए हैं। जानकारी के अनुसार न्यू हॉस्टल में ५ सौ कमरे तैयार किए जाना है। इनमें से ३५० कमरे ही बन पाए हैं। हालांकि इन कमरों में अभी भी काम बचा है। बताया जाता है कि निर्माण के शुरू होने के बाद डिजाइन बदले जाना और समय पर भुगतान न होने के कारण भवन निर्माण पूरा होने में देर लग रही है।
टगौर हॉस्टल विवेकानंद हॉस्टल
रमन हॉस्टल भावा हॉस्टल -छात्राओं के लिए भी नहीं जगह हर साल दाखिला लेने वाली छात्राओं के लिए सेकेंड हॉस्टल के कमरे एलॉट किए जाते हैं। लेकिन डेढ़ महीने से इस हॉस्टल में रिनोवेशन का काम चल रहा, जिसे पूरा होने में करीब ४ महीने और लग जाएंगे। बता दें कि इस हॉस्टल में १०० छात्राओं के रहने की जगह है। निवेदिता गल्र्स हॉस्टल सबसे पुराना है। दो साल पहले लक्ष्मीबाई गल्र्स हॉस्टल बना है।