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सागर

एनएच-26 बन रहा अपराधों का कॉरीडोर, कंजर लुटेरे, गौवंश, गांजा तस्कर और शराब माफिया की बढ़ी सक्रियता

वारदात के बाद हाइवे पेट्रोलिंग की व्यवस्था फिर ठप, 154 किमी लंबे हाइवे पर जोखिम से भरा है सफर

सागरOct 21, 2019 / 09:05 pm

संजय शर्मा

एनएच-26 बन रहा अपराधों का कॉरीडोर, कंजर लुटेरे, गौवंश, गांजा तस्कर और शराब माफिया की बढ़ी सक्रियता

एनएच-26 बन रहा अपराधों का कॉरीडोर, कंजर लुटेरे, गौवंश, गांजा तस्कर और शराब माफिया की बढ़ी सक्रियता

सागर. जिले के बीच से गुजरने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 26 अपराधियों की शरणस्थली बनता जा रहा है। अपराधों के इस कॉरीडोर पर पहले केवल गांजा तस्करों का राज था लेकिन अब शराब माफिया, गौवंश तस्कर, कंजर लुटेरे और विदेशी बदमाशों की सक्रियता भी बढ़ रही है। इसके पीछे दक्षिण से उत्तर भारत के बीच सीधी कनेक्टिविटी और अन्य मार्गों की अपेक्षा पुलिस की कम निगरानी को अहम वजह बताया जाता है। पिछले कुछ माह में आपराधिक वारदातों में हुए इजाफे ने जिले से गुजरने वाले 154 किमी लंबे हाइवे पर स्थित थाने और चौकियों की मुश्किलों को भी बढ़ा दिया है। हाइवे पर गश्त की कमी का फायदा उठाकर बदमाश, लुटेरे अकसर वारदात को अंजाम देकर भाग जाते हैं।

हाइवे पर बढ़ रहे इस तरह के अपराध –

1. कंजर लुटेरे

हाइवे पर कंजर लुटेरों का आतंक भी बना हुआ है। हाल ही में बांदरी और कैंट थाना क्षेत्र में कंजर लुटेरों द्वारा चलते ट्रक लूटने की कोशिश के मामले सामने आए हैं। लुटेरों ने चलते ट्रक पर चढ़कर ड्राइवर-हेल्पर को जख्मी कर उन्हें लूटा जा चुका है। बड़ी कारों में सवार होकर कंजर गिरोह के मालथौन से ट्रक व अन्य वाहनों का पीछा करने और सुनसान क्षेत्र में उन्हें रोककर लूटपाट की शिकायतें भी थाने पहुंची हैं। पिछले वर्ष कंजर गिरोह ने ग्वालियर हाइकोर्ट के वकीलों की कार पंचर करते हुए उन पर जानलेवा हमला कर लूट लिया था। इससे पहले बहेरिया की गुड़ा पहाड़ी के पास एक साथ चार ट्रक पंचर कर उन्हें लूट लिया गया था। कंजर लुटेरों ने इस वारदात में एक ट्रक ड्राइवर की हत्या भी कर दी थी।

2. गौवंश तस्करी

अटा चेक पोस्ट से महाराजपुर की सीमा के बीच सागर पुलिस का दायरा है। आवारा मवेशियों को पठारों पर इक_ा कर उन्हें वाहनों में भरकर महाराष्ट्र ले जाया जा रहा है। इसका खुलासा सिविल लाइन के बम्होरी चौराहा व चितौरा टोल नाके पर ग्रामीणों द्वारा वाहन रोकने के बाद हुआ था। पुलिस और ग्रामीणों की शंका से बचने के लिए अब मवेशी तस्कर कंटेनरों की मदद ले रहे हैं। इन कंटेनरों में बड़ी संख्या में मवेशी बन जाते हैं और पकड़े जाने का जोखिम भी कम होता है। गौवंश की तस्करी केअड्डे के रूप में मालथौन से बांदरी, सानौधा, गौरझामर क्षेत्र सबसे ज्यादा चर्चा में हैं।

3. गांजा तस्करी

हाइवे का उपयोग गांजा तस्करों द्वारा भी लगातार किया जा रहा है। तस्कर ओडि़शा-छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों से मामूली कीमत पर गांजा खरीदते हैं। वे किराए पर लग्जरी कार लेकर ड्राइवरों को अतिरिक्त रुपए देकर ललचाते हैं और गांजों को इन कारों की मदद से बालाघाट-सिवनी के रास्ते एनएच-26 से झांसी तक गुजरते हैं। वाहन लग्जरी होने से आमतौर पर पुलिस शंका नहीं करती लेकिन मुखबिरी के चलते पुलिस दो साल में आठ से ज्यादा लग्जरी वाहनों से लाखों रुपए का गांजा जब्त कर चुकी है। अधिकांश वाहन और तस्करी का कनेक्शन दिल्ली से जुड़ा पाया गया है।

4. अवैध शराब

शराब तस्करी के लिए भी हाइवे को कॉरीडोर की तरह उपयोग किया जा रहा है। महाराजपुर से मालथौन थाना क्षेत्र के बीच भारी मात्रा में शराब का अवैध परिवहन हाइवे पर बिना किसी रोकटोक के जारी है। तस्करों को इशारे पर रायसेन जिले के सीमावर्ती सुल्तानगंज से शराब को अवैध रूप से सिलवानी के रास्ते राजघाट होकर फोरलेन तक लाया जाता है। यहां से सुरखी, देवरी, गौरझामर, सानौधा क्षेत्र में इसे खपा दिया जाता है। इसी तरह खिमलासा, मालथौन, बांदरी क्षेत्र में भी अवैध शराब के परिवहन के लिए हाइवे मददगार साबित हो रहा है।

थाने और हाइवे पेट्रोल वाहन गायब –

कंजर गिरोह की सक्रियता के चलते कुछ माह पहले एसपी ने हाइवे की पेट्रोलिंग के निर्देश दिए थे। हाइवे पेट्रोलिंग के लिए अलग से वाहन के साथ ही थाने की सीमा से गुजरने वाले हाइवे पर स्थानीय पुलिस के गश्ती दल की निगरानी की व्यवस्था भी लगाई गई थी। लेकिन हाइवे पर बदमाशों की सक्रियता पेट्रोलिंग के दावों की हवा निकाल रही है। जिले की सीमा से गुजरने वाले 154 किमी लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग 26 पर कहीं भी पेट्रोलिंग वाहन नजर नहीं आता। पुलिस लाइन से भी अलग से पेट्रोलिंग के इंतजाम नहीं किए गए हैं।

इसलिए एनएन-26 को बनाया रास्ता –

पहले दक्षिण भारत-महाराष्ट्र या उत्तरभारत से नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए बदमाश आगरा-बॉम्बे हाइवे का उपयोग करते थे। यह हाइवे मध्यप्रदेश में इंदौर, रतलाम होकर गुजरता है लेकिन मंदसौर-नीमच में अफीम, इंदौर-पीथमपुर-धार के औद्योगिक और संवेदनशील क्षेत्र होने के कारण पुलिस की चौकसी बढऩे से पकड़े जाने की आशंका भी बढ़ गई है। जबकि एनएच-26 प्रदेश के सिवनी, नरसिंहपुर व सागर जिले की सीमाओं से होकर गुजरता है और संवेदनशीलता अपेक्षाकृत कम होने से यहां पुलिस की चौकसी भी कम रहती है। इसका फायदा अब बदमाश और तस्कर उठा रहे हैं।

वर्जन :
हाइवे पर थानों की निगरानी के निर्देश दिए गए हैं। बदमाशों की सक्रियता पर भी कार्रवाई की जा रही है। मवेशी तस्कर, अवैध शराब और गांजे की खेप ले जा रहे वाहनों को जब्त किया गया है। कई बदमाश भी पकड़े गए हैं। व्यवस्था को और चुस्त बनाएंगे।

अमित सांघी, एसपी सागर

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