एनआइआरएफ की रैंकिंग में इस बार भी पिछड़ सकता है विवि
एनआइआरएफ की रैंकिंग में इस बार भी पिछड़ सकता है विवि
एनआइआरएफ की रैंकिंग में इस बार भी पिछड़ सकता है विवि
सागर. डॉ. हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय ने नेशनल इंस्टीट्यूशिनल रैकिंग फ्रेमवर्क (एनआइआरएफ) के लिए आवेदन कर दिया है। पिछले साल अप्रैल में जारी हुई रैकिंग में विवि टॉप १०० से बाहर था। इस बार भी विवि प्रशासन ने जो डाटा भेजा है। उसके अनुसार रैकिंग में सुधार की स्थिति नजर नहीं आ रही है। एकेडमिक वर्क के कॉलम में जो जानकारी वर्ष २०१८-१९ की भेजी गई है। उससे मिलती-जुलती जानकारी वर्ष २०१७-१८ में भी भेजी गई थी। ओवर ऑल देखा जाए तो विवि ने एनआइआरएफ की रैकिंग में भाग तो लिया है, लेकिन बेहतर रैंक हासिल होने की उम्मीद काफी
कम है।
नहीं मिला इंटरनेशलन अवार्ड : विवि में २०१८-१९ में एक भी विद्यार्थी को इंटरनेशनल अवार्ड नहीं मिला है। हालांकि पूर्व में भी यही स्थिति थी। यह जानकारी एनआइआरएफ के लिए भेजी गई है। वहीं, कंसलटेंसी प्रोजेक्ट डीटेल भी इस बार शून्य भेजी गई है। दूसरे देश से भी एक भी छात्र ने विवि में प्रवेश नहीं लिया है। यह जानकारी भी भेजी गई है। जानकारी में विद्यार्थियों और फैक्ल्टी की संख्या भी भेजी गई है। हालांकि छात्रों और फैक्ल्टी की संख्या में थोड़ा बहुत सुधार होना बताया गया है।
दिव्यांगों के लिए बेहतर है विवि
विश्वविद्यालय ने दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए ८० फीसदी भवनों में रैंप की बात कही है। साथ ही भवनों को दिव्यांगों के अनुसार बना होना बताया है। वहीं व्हील चेयर आदि होने की बात भी एनआइआरएफ को दी है। दिव्यांगों के हिसाब से ८० फीसदी टॉयलेट विशेष रूप से तैयार कराना बताया गया है।
अभी विवि को नैक ने ३.४ ग्रेडिंग दी है
विश्वविद्यालय की नैक की अवधि २५ मई २०२० को समाप्त होगी। अभी विवि को नैक ने ३.०४ की ग्रेडिंग दी है। इसमें सुधार के लिए विवि के पास समय है और सुधार के लिए विवि प्रयास भी कर रहा है। शैक्षणिक कैलेंडर के अनुसार पिछले साल समय पर परीक्षाएं आयोजित हुई थीं। वहीं विद्यार्थियों का प्रदर्शन भी बेहतर रहा है। नैक की ग्रेडिंग में बेहतर स्थिति की उम्मीद की जा रही है।
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