टाट पट्टी पर ही बैठे परीक्षार्थी, केन्द्र बनाने के पहले नहीं दिया गया ध्यान
सागर•Mar 05, 2018 / 09:33 pm•
anuj hazari
No arrangement of furniture in school
बीना. दसवीं की परीक्षाओं की शुरुआत सोमवार को संस्कृत के पेपर से हुई। पेपर सरल होने से विद्यार्थियों को पेपर हल करने में तो कठिनाई नहीं हुई, लेकिन जमीन पर बैठकर पेपर देने में जरुर कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। यह स्थिति मॉडल स्कूल में बनाए गए परीक्षा केन्द्र में बनी।
दसवीं की परीक्षा सात केन्द्रों पर संपन्न हुई, जिसमें 3283 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी और 111 अनुपस्थित रहे। मॉडल स्कूल में बनाए गए केन्द्र में सात कमरों में फर्नीचर नहीं था, जिससे करीब 240 विद्यार्थियों ने जमीन पर बैठकर परीक्षा दी। जमीन पर बैठकर परीक्षा देते समय विद्यार्थी कभी तख्ती गोदी में रखकर पेपर हल करते नजर आए तो कभी जमीन पर। यह स्थिति दसवीं की परीक्षा में नहीं बनी बल्कि 1 मार्च को हुए बारहवीं के पेपर में भी इस केन्द्र पर विद्यार्थी जमीन पर बैठे थे और एक विद्यार्थीने 181 पर शिकायत दर्ज भी कराई थी, लेकिन व्यवस्थाओं में सुधार कुछ भी नहीं किया गया।
अचानक खत्म किया शिशु मंदिर का सेंटर
पिछले वर्ष तक एक सेंटर सरस्वती शिशु मंदिर में बनाया जाता था और इस वर्ष भी कुछ दिनों पूर्व तक यहां सेंटर बनना तय था, लेकिन अचानक सेंटर खत्म कर दिया। यहां सेंटर होने से पर्याप्त फर्नीचर और जगह की व्यवस्था हो जाती थी। इस वर्ष मॉडल स्कूल को परीक्षा केन्द्र तो बना दिया गया, लेकिन अधिकारियों ने यहां फर्नीचर की क्या व्यवस्था है इस ओर ध्यान नहीं दिया, जिसका खामियाजा अब विद्यार्थी भुगत रहे हैं। यदि नया सेंटर बनाया गया था तो अधिकारियों को पहले से फर्नीचर की व्यवस्था करके रखनी थी।
एसडीएम ने किया निरीक्षण
परीक्षा केन्द्रों का निरीक्षण सुबह एसडीएम डीपी द्विवेदी ने भी किया और व्यवस्थाओं का जायजा लिया। मॉडल स्कूल केन्द्र का भी उन्होंने निरीक्षण किया था। बीईओ दिनेश यादव ने बताया कि तीन निरीक्षण दल बनाए गए हैं। पहले दिन किसी भी सेंटर पर नकल प्रकरण सामने नहीं आया।