सागर

सिविल अस्पताल में एनबीएसयू और एनआरसी होने के बाद भी नहीं शिशु रोग विशेषज्ञ

वरिष्ठ अधिकारी नहीं दे रहे ध्यान, लापरवाही पड़ सकती है महंगी

सागरDec 01, 2020 / 08:53 pm

sachendra tiwari

No pediatrician even after having NBSU and NRC in civil hospital

बीना. सिविल अस्पताल में करीब एक साल से शिशु रोग विशेषज्ञ का पद खाली पड़ा है और जिससे बच्चों को इलाज नहीं मिल पाता है। साथ ही अस्पताल में एनबीएसयू (न्यू बर्न स्टेबलाइजेशन यूनिट) व एनआरसी (पोषण पुनर्वास केन्द्र) स्थापित है और शिशु रोग विशेषज्ञ न होने से यहां भी सही मॉनीटरिंग नहीं हो पाती है। शहडोल में हुई लापरवाही से बच्चों की जान चली गई है और वहां की घटना से सबक लेकर यहां भी व्यवस्थाएं दुरुस्त करने की जरूरत है।
सिविल अस्पताल प्रत्येक माह करीब 200 प्रसव होते हैं, जिसमें कम वजन वाले बच्चे, पीलिया और ऑक्सीजन की जरूरत पडऩे पर उन्हें एनबीएसयू में भर्ती कर मशीन में रखा जाता है। यहां शिशु रोग विशेषज्ञ और नर्सिंग स्टाफ द्वारा बच्चों की देखरेख की जाती है, लेकिन शिशु रोड विशेषज्ञ न होने के कारण नर्सिंग स्टाफ या फिर दूसरे डॉक्टर बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण करते हैं। बच्चे का स्वास्थ्य ज्यादा खराब होने पर जिला अस्पताल स्थित एसएनसीयू रेफर कर दिया जाता है। इसी प्रकार एनआरसी में भर्ती कुपोषित बच्चों की मॉनीटरिंग भी शिशु रोग विशेषज्ञ द्वारा की जाती है, लेकिन अभी सिर्फ एनआरसी प्रभारी द्वारा वहां के नियमानुसार बच्चों की देखभाल की जा रही है। इसके बाद भी वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा यहां शिशु रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति नहीं की जा रही है।
बच्चों को नहीं मिल पाता इलाज
ठंड के मौसम में बच्चे सबसे ज्यादा बीमार पड़ते हैं और जब उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया जाता है वहां से निराश ही लौटना पड़ता है। बच्चों का इलाज निजी नर्सिंगहोम या फिर दूसरे शहरों में जाकर कराना पड़ता है।
डॉक्टर और अनुभवी नर्स रखती हैं ख्याल
एनबीएसयू में अस्पताल में पदस्थ डॉ. वीरेन्द्र ठाकुर और अनुभवी नर्सों द्वारा ख्याल रखा जाता है। बच्चा के गंभीर होने पर प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल रेफर कर दिया जाता है। साथ ही शहर के निजी डॉक्टरों से भी मदद ली जाती है। शिशु रोग विशेषज्ञ की जरूरत के संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिख चुके हैं।
डॉ. संजीव अग्रवाल, बीएमओ

Home / Sagar / सिविल अस्पताल में एनबीएसयू और एनआरसी होने के बाद भी नहीं शिशु रोग विशेषज्ञ

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.