तहसील कार्यालय के सभाकक्ष में मास्टर ट्रेनर ने पटवारियों की बैठक लेकर दी जानकारी
सागर•Sep 19, 2019 / 09:02 pm•
anuj hazari
Now applications for nomination, partition will have to be done online
बीना. राजस्व विभाग की अनियमितता, लेटलतीफी दूर करने राजस्व विभाग में नामांतरण, बंटवारा, वारिसाना, सीमांकन डायवर्सन सेवाओं के लिए अब केवल ऑनलाइन आवेदन होंगे। इन कामों के लिए ऑफलाइन आवेदन अब न तो स्वीकार किए जाएंगे, न ही उन आवेदनों में कोई आदेश पारित हो सकेंगे। इस संबंध में गुरुवार को तहसील कार्यालय के सभाकक्ष में मास्टर टे्रनर योगेन्द्र त्रिवेदी ने ब्लॉक के सभी पटवारियों की बैठक लेकर उन्हें इस संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अब नामांतरण, बंटवारा, वारिसाना, सीमांकन डायवर्सन के प्रकरण क्रमांक ऑनलाइन ही मिलेंगे। ऑनलाइन आवेदन, आवेदक अथवा उनकी ओर से उनके अधिवक्ता कर सकेंगे। इनके लिए अब आवेदन भी टाइप कराने की आवश्यकता नहीं होगी। क्योंकि अब ऑनलाइन ही आवेदन पत्र कंप्यूटर अथवा मोबाइल से जनरेट हो जाएंगे, जिसका प्रिंट लेकर आवेदक के साइन के बाद फिर से ऑनलाइन अपलोड करने के बाद संबंधित तहसील न्यायालय में जमा किया जा सकेगा। इन सेवाओं में डायवर्सन को छोड़कर अन्य काम के लिए स्वयं के मोबाइल अथवा कंप्यूटर से आवेदन करने पर कोई शुल्क नहीं लगेगा। न ही ऑनलाइन जनरेट हुए आवेदन पत्र में कोई टिकट लगाने की आवश्यकता रहेगी। इन सेवाओं के लिए आवश्यक दस्तावेज पहले की तरह की देने होंगे, लेकिन उन्हें अपलोड करना होगा। यह आवेदन लोकसेवा केंद्र में भी ऑनलाइन जमा किए जा सकेंगे। जिसके लिए तीस रुपए शुल्क जमा करनी होगी। न्यायालय द्वारा आवेदन को प्रक्रिया में लेते ही ऑनलाइन ही ऑर्डरशीट जनरेट हो जाएगी, जिसके बाद कार्रवाई शुरू होगी। बैठक में तहसीलदार प्रशांत अग्रवाल, आरआइ अखलेश तिवारी, जूनियर डाटा एंट्री ऑपरेटर इ आदर्श, पटवारी जगदीश श्रीवास्तव, मोहन सेन, पुष्पेन्द्र श्रीवास्तव, कामता प्रजापति, सुदीप चौबे, चंचल चौरसिया, राजेश शर्मा, संदीप श्रीवास्तव, अवधकिशोर पांडे, रिंकी जैन, रजनीश पटेल, पूजा शर्मा सहित अन्य पटवारी उपस्थित थे।
ऑनलाइन ही निकलेगा समन
समन भी ऑनलाइन जनरेट होगा, जिसमें अनावेदक का नाम, पता लिखा होगा। जिसे न्यायालय द्वारा तामीली के लिए भेजा जाएगा व संबंधित हल्का पटवारी को भी ऑनलाइन ही सूचना उनकी आइडी पे दी जाएगी। पटवारी ऑनलाइन भी प्रतिवेदन दे सकेंगे व निर्धारित समय में न्यायालय को उसकी जानकारी के साथ आदेश पारित करना होगा। नई संहिता के अनुसार वारिसाना व नामांतरण प्रकरण, पैरवी में खारिज नहीं किए जा सकेंगे।