दुर्घटना संभावित क्षेत्रों की पहचान कर उन्हें ब्लैक स्पॉट घोषित किए जाने के बाद हादसों को रोकने के लिए यहां तकनीकी सुधार किए जाने थे। इसके लिए पुलिस व हाईवे की अथॉरिटी दो बार सर्वे भी कर चुकी और इस पर सडक़ सुरक्षा समिति की बैठकों में चर्चा भी हुई लेकिन कभी फंड की कमी तो कभी एजेंसियों में सामंजस्य के अभाव के चलते बड़े तकनीकी सुधार तो दूर रेडियम संकेतक, रोशनी की व्यवस्था भी नहीं की गई है।
वर्ष 2016 के दुर्घटना के आंकड़ों को देखा जाए तो सागर ने राजधानी भोपाल और ग्वालियर जैसे शहरों को भी काफी पीछे छोड़ दिया है। वर्ष 2016 में जिले में करीब 1645 दुर्घटनाएं रिकार्ड की गई जिनमें 338 लोगों की मौत हो गई जबकि 1351 लोग घायल भी हुए। इस अवधि में धार में सबसे ज्यादा 488, इंदौर में 431 और जबलपुर में 352 लोगों की मौत दर्ज की गई है।
संजय खरे, डीएसपी ट्रैफिक सागर