एेसे दिया वारदात को अंजाम –
एसपी अमित सांघी के अनुसार उखरी रोड आगरा में रामविहार कॉलोनी निवासी सुदामा प्रसाद यादव (60) अक्सर अपनी पत्नी मुन्नी देवी (55) के साथ अकसर मारपीट करता था। घर के बाहर दूसरी कई महिलाओं से सुदामा के संबंध होने के कारण भी घर में कलह होती थी। इससे मुन्नीदेवी काफी परेशान थी। उसके कष्ट के बारे में उप्र के हमीरपुर के धगवा (अटांव) निवासी भाई रामकुमार यादव को भी पता था। बहन की परेशानियों को देखते हुए रामकुमार ने साजिश रचकर बहनोई (जीजा) सुदामा से मोबाइल पर बात कर 18 साल की लड़की से मिलवाने का झांसा दिया। सुदामा उसकी बातों में आ गया और तब रामकुमार उसे अपने रिश्तेदार के बण्डा थाना क्षेत्र स्थित गांव गौराखुर्द ले आया। यहां 25 जनवरी को रामकुमार अपने साथी प्रभु सौर और हरि सिंह सपेरा सहित बहनोई सुदामा को बरा के घने जंगल में ले गए और नाइलोन की रस्सी से गला घोंटकर उसका शव बोड़ी पहाड़ी के पास घने जंगल में फेंक दिया।
पेसमेकर ने उजाकर किया हत्या का राज – एसडीओपी बण्डा संतोष डेहरिया के अनुसार 30 जनवरी को बरा के जंगल से अत्यधिक बुरी हालत में शव बरामद किया गया था। चार-पांच दिन पुराना होने से शव क्षतिग्रस्त हो चुका था। पहचान के संबंध में मौके से कोई साक्ष्य नहीं मिला। पुलिस ने आसपास के थानों को खबर देते हुए शव को पोस्टमार्टम उपरांत दफन करा दिया था। शिनाख्त नहीं होने से हत्या या मौत को लेकर असमंजस में भी कि डॉक्टर ने पोस्टमार्टम के दौरान दिल से पेसमेकर मिलने की जानकारी दी। पुलिस ने पेसमेकर मिलने के बाद पड़ताल तेज की। यूएस की कंपनी सेंट ज्यडे मेडिकल इन्यूरिटी कोर कंपनी को कोड उपलब्ध कराकर जानकारी मांगी तो पता चला कि इस नंबर का पेसमेकर जयपुर के निजी अस्पताल द्वारा आगरा के किसी ह्दयरोगी को लगाया गया है। दो देश और तीन राज्यों के बीच पड़ताल करते हुए बण्डा पुलिस जब आगरा पहुंची तो मृतक की पत्नी मुन्नी देवी से बात करते ही शक की सुई उस पर गहरा गई और हत्या की साजिश से पर्दा उठ गया।