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दिल पर लगे पेसमेकर ने खोला अंधे कत्ल का राज

यूएस की पेसमेकर निर्माता कंपनी व जयपुर के अस्पताल से खोज ली मृतक की पहचान

सागरFeb 18, 2019 / 10:30 pm

संजय शर्मा

pacemaker opens the secret of blind murder

pacemaker opens the secret of blind murder

सागर. गौराखुर्द गांव के पास बोड़ी पहाड़ी के जंगल में 18 दिन पहले हुए अंधे कत्ल का खुलासा मृतक के दिल पर लगे पेसमेकर ने कर दिया। मृतक की पहचान न होने के कारण भटक रही पुलिस को पोस्टमार्टम के दौरान दिल से मिले पेसमेकर ने राह दिखाई। पेसमेकर बनाने वाली यूएस (युनाइटेड स्टेट) की कंपनी से पुलिस ने दिल की धड़कन को नियंत्रित करने वाले इस यंत्र का कोड देकर जानकारी हासिल की तो पता चला कंपनी ने यह जयपुर के एक अस्पताल को उपलब्ध कराया था। जयपुर के अस्पताल से पड़ताल के दौरान बण्डा पुलिस को पेसमेकर आगरा निवासी किसी व्यक्ति को लगाया गया है। पुलिस तलाश करते हुए जब आगरा की रामविहार कॉलोनी पहुंची तो पता चला कि मृतक कई दिनों से गायब है लेकिन उसकी गुमशुदगी दर्ज नहीं कराई गई है। यहीं से पुलिस को मृतक की पत्नी पर शंका हुई और जब शव की शिनाख्त के बाद पुलिस ने दबाव बनाया तो अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझती चली गई।

एेसे दिया वारदात को अंजाम –

एसपी अमित सांघी के अनुसार उखरी रोड आगरा में रामविहार कॉलोनी निवासी सुदामा प्रसाद यादव (60) अक्सर अपनी पत्नी मुन्नी देवी (55) के साथ अकसर मारपीट करता था। घर के बाहर दूसरी कई महिलाओं से सुदामा के संबंध होने के कारण भी घर में कलह होती थी। इससे मुन्नीदेवी काफी परेशान थी। उसके कष्ट के बारे में उप्र के हमीरपुर के धगवा (अटांव) निवासी भाई रामकुमार यादव को भी पता था। बहन की परेशानियों को देखते हुए रामकुमार ने साजिश रचकर बहनोई (जीजा) सुदामा से मोबाइल पर बात कर 18 साल की लड़की से मिलवाने का झांसा दिया। सुदामा उसकी बातों में आ गया और तब रामकुमार उसे अपने रिश्तेदार के बण्डा थाना क्षेत्र स्थित गांव गौराखुर्द ले आया। यहां 25 जनवरी को रामकुमार अपने साथी प्रभु सौर और हरि सिंह सपेरा सहित बहनोई सुदामा को बरा के घने जंगल में ले गए और नाइलोन की रस्सी से गला घोंटकर उसका शव बोड़ी पहाड़ी के पास घने जंगल में फेंक दिया।

 

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पेसमेकर ने उजाकर किया हत्या का राज –

एसडीओपी बण्डा संतोष डेहरिया के अनुसार 30 जनवरी को बरा के जंगल से अत्यधिक बुरी हालत में शव बरामद किया गया था। चार-पांच दिन पुराना होने से शव क्षतिग्रस्त हो चुका था। पहचान के संबंध में मौके से कोई साक्ष्य नहीं मिला। पुलिस ने आसपास के थानों को खबर देते हुए शव को पोस्टमार्टम उपरांत दफन करा दिया था। शिनाख्त नहीं होने से हत्या या मौत को लेकर असमंजस में भी कि डॉक्टर ने पोस्टमार्टम के दौरान दिल से पेसमेकर मिलने की जानकारी दी। पुलिस ने पेसमेकर मिलने के बाद पड़ताल तेज की। यूएस की कंपनी सेंट ज्यडे मेडिकल इन्यूरिटी कोर कंपनी को कोड उपलब्ध कराकर जानकारी मांगी तो पता चला कि इस नंबर का पेसमेकर जयपुर के निजी अस्पताल द्वारा आगरा के किसी ह्दयरोगी को लगाया गया है। दो देश और तीन राज्यों के बीच पड़ताल करते हुए बण्डा पुलिस जब आगरा पहुंची तो मृतक की पत्नी मुन्नी देवी से बात करते ही शक की सुई उस पर गहरा गई और हत्या की साजिश से पर्दा उठ गया।
सजगता के लिए पुलिस टीम को पुरस्कार –

दिल की धड़कन को काबू करने वाले छोटे से उपकरण की मदद और यूनाइटेड स्टेट, राजस्थान व उप्र के आगरा शहर में छानबीन व हत्या की साजिश का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को एसपी ने नकद इनाम की घोषणा की है। इस अंधे कत्ल के खुलासे में एएसपी रामेश्वर सिंह यादव व एसडीओपी संतोष डेहरिया के मार्गदर्शन में गठित टीम में शामिल बण्डा टीआइ सतीश सिंह, छानबीला थाना प्रभारी एसआइ गौरव तिवारी, नीलेश डेहरिया, विवेक तोमर, धर्मेश कुमार पुष्पकार, प्रआर लोकविजय, सतीश पाठक, भगवानदास, आनंद दहायत, पुष्पेन्द्र सिंह, प्रताप सिंह व अन्य को नकद पुरस्कार की घोषणा करते हुए एसपी ने सजगता के लिए टीम की सराहना की है।

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