सागर

ठंड में ठिठुरती हुई जिंदगी, खुले आसमान की नीचे गुजार रहे रात, जिम्मेदार बेखबर

न रैनबसेरा का सहारा और न है प्रतिक्षालय

सागरDec 22, 2018 / 09:28 pm

sachendra tiwari

People sleeping under the open sky

बीना. इन दिनों कंपकंपाने वाली ठंड में लोगों का घर से निकलना भी मुश्किल हो जाता है, लेकिन कुछ मजबूर लोग ऐसे हैं जो रात भर खुले आसमान के नीचे ही सो रहे हैं। इनके लिए कोई सहारा नहीं है। खुले आसमान की छत के नीचे ही रात गुजार रहे हैं।
शहर में रैन बसेरा होने के बाद भी जरुरतमंद लोगों को भी इसका आसरा नहीं मिल पा रहा है। शहर में कई जगहों पर रात को खुले आसमान के नीचे लोग सोते हुए नजर आते हैं, लेकिन इनकी परेशानी से नगरपालिका को कोईलेनादेना नहीं है। यदि नपा अधिकारी चाहे तो रैनबसेरा में इन्हें रोका जा सकता है, लेकिन इनकी तरफ किसी का ध्यान नहीं जा रहा हैऔर वह कड़कड़ाती ठंड में खुले आसमान के नीचे ही रात गुजार रहे हैं। आने वाले दिनों में ठंड और बढ़ सकती है, जिससे इन जरुरतमंद लोगों की और मुसीबत होगी।

patrika IMAGE CREDIT: patrika

स्टेशन पर भी बुरा हाल
स्टेशन पर भी यात्रियों को रुकने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है।बुकिंग ऑफिस में छोटा सा प्रतिक्षालय है जहां कुछ लोग ही सो पाते हैं और बाकी लोग प्लेटफॉर्म या ब्रिज के नीचे सोते हैं। ठंड से बचने के लिए यात्री नीचे पन्नी बिछाते है और ऊपर से वही पन्नी ढंक लेते हैं, जिससे रात गुजर जाए। बड़ा जंक्शन होने के बाद भी यहां रेलवे द्वारा यात्रियों को रुकने की व्यवस्था नहीं की जा रही है।

People sleeping under the open sky
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गायत्री मंदिर के सामने सोते हैं लोग
गायत्री मंदिर के पास रेलवे क्वार्टर के सामने भी रात के समय लोग खुले आसमान के नीचे सोते हैं। ठंड से बचने के लिए रजाई, गद्दा तो रहता है, लेकिन ठंड इतनी पड़ रही है यह कपड़े भी कम पड़ जाते हैं। बस स्टैंड, चौराहा, तिराहों पर भी लोग रात गुजारते हैं।

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