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नए शब्दों के प्रयोग में अटक रहे पुलिसकर्मी, करने पड़ रहे याद

कुछ दिन पूर्व उर्दू व फारसी के शब्दों को बलदकर हिन्दी शब्दों का प्रयोग किया गया है शुरू, नए शब्दों को समझने में लग रहा है समय

सागरJun 03, 2024 / 12:44 pm

sachendra tiwari

Policemen stuck in using new words, have to memorize

फाइल फोटो

बीना. भारतीय दंड संहिता और दंड प्रक्रिया संहिता में उर्दू और फारसी के शब्दों की जगह हिन्दी शब्दों ने ले ली है। लेकिन यह शब्द पुलिस अधिकारियों से लेकर जवानों के लिए मुसीबत बन गए हैं। आजादी के पहले से जिन शब्दों का पुलिस प्रयोग कर रही थी, वह बदले तो बोलने में अटक रहे हैं। कई थानों में तो अब भी यह आलम है कि पुराने ही शब्दों का प्रयोग किया जा रहा है।
अटक जाती हैं अंगुलियां
रोजनामचा हो या फिर एफआइआर या फिर किसी डायरी का विवरण। अधिकारी जैसे ही कम्प्यूटर पर बैठकर टाइपिंग शुरू करते हैं, तो उनके जहन में सालों से घूम रहे वही उर्दू और फारसी शब्द आ जाते हैं। जिससे वह पुराने शब्द ही टाइप कर देते हैं। उन्हें उसे डिलीट कर हिन्दी शब्द याद करना और लिखना पड़ता है।
यह है मामला
पुलिस मुख्यालय की अपराध अनुसंधान शाखा ने पिछले दिनों एक आदेश जारी किया। इसके तहत भारतीय दंड संहिता से उर्दू और फारसी के शब्दों को हटाया गया और उनकी जगह हिन्दी शब्दों के उपयोग के निर्देश दिए गए। आदेश के साथ उर्दू और फारसी के शब्दों के स्थान पर प्रयोग किए जाने वाले हिन्दी शब्दों की जानकारी भी जिलों की पुलिस को दी गई थी। इनके तत्काल प्रभाव से लागू करने की बात भी कही गई थी।
यह शब्द बदले
प्रचलित शब्द – हिन्दी शब्द
ताजिरात ए हिंद -भारतीय दंड संहिता
जाफ्ता फौजदारी -दंड प्रक्रिया संहिता
कत्ल -हत्या
अदालत -न्यायालय
इस्तेगासा -दावा या परिवाद
फरियादी -आवेदक
गिरफ्तार या हिरासत -अभिरक्षा
अदम चेक -हस्तक्षेप अयोग्य, असंज्ञेय
कैदखाना -बंदीगृह
जुर्म, दफा – अपराध, धारा
हाजिर, गैर हाजिर -उपस्थित अनुपस्थित
तफतीश, तहकीकात -अनुसंधान, जांच, विवेचना
आमद, रवानगी -आगमन, प्रस्थान
इजाफा – बढ़ोतरी या वृद्धि करना
कैफियत, मजमून – विवरण
तेहरीर – लिखित सूचना
इत्तिला – सूचना
इमदाद – सहायता
तामील – सूचित
मियाद – समय सीमा
इरादतन – साशय
कब्जा – आधिपत्य
खारिजी – निरस्त

खून आलूदा – रक्तरंजित

खैरियत – कुशलता

गवाहान – साक्षी

गुजारिश – प्रार्थना

चश्मदीद – प्रत्यक्षदर्शी

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