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सागर

प्रधानमंत्री आवास योजना के सर्वे में इस जिले में सामने आई गड़बड़ी, आवासहीनों की सूची में धन्नासेठों के नाम

जिनके नाम बंगला, गाड़ी और कई एकड़ जमीन उनका नाम शासकीय पट्टा दिए जाने वालों की सूची में शामिल

सागरDec 31, 2017 / 12:00 pm

अभिलाष तिवारी

Pradhan Mantri Awas Yojana latest news in hindi

Pradhan Mantri Awas Yojana latest news in hindi

सागर. सब कुछ होते हुए भी शासकीय आवास पाने की चाह में जहां नगर निगम क्षेत्र में लोगों ने फर्जीवाड़ा कर अपना नाम जुड़वाया था, वहीं मकरोनिया में नगर पालिका की लापरवाही और जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते करोड़ों की संपत्ति के मालिकों को आवासहीन लोगों की सूची में शामिल कर दिया गया है। यह खुलासा क्षेत्र के पार्षद पति द्वारा ही किया गया है। नगर पालिका क्षेत्र मकरोनिया में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत चिह्नित किए गए हितग्राहियों की सूची में बड़ा खुलासा हुआ है। नपा द्वारा जारी की गई प्राथमिक सूची में उन लोगों के नाम भी शामिल कर लिए गए हैं जो करोड़पति हैं। मकरोनिया चौराहे जैसी बहुमूल्य जगह पर जिनके मार्केट चल रहे हैं, घर के नाम पर बंगला और चार पहिया वाहन हैं। इतना ही नहीं कई एकड़ जमीन के मालिकों के नाम भी नगर पालिका की आवासहीन हितग्राहियों की सूची में शामिल कर लिए गए हैं। यह पूरा खुलासा किया है नगर पालिका वार्ड नबंर ९ से कांग्रेस पार्षद चंद्ररानी पटेल के पति गोविंद पटेल ने। दरअसल सर्वे में हुई गलती के कारण पार्षद पति का नाम भी आवासहीन लोगों की सूची में शामिल हुआ है। जिसका खुलासा तो पटेल ने स्वयं किया ही साथ ही सूची में शामिल सैकड़ों हितग्राहियों को भी वह अपात्र होने का दावा कर रहे हैं।

६० प्रतिशत अपात्र
नगर पालिका में आवासहीन हितग्राहियों की सूची में गड़बडी उजागर होने के बाद एक के बाद एक खुलासे हो रहे हैं। शनिवार को नपा के वार्ड-९ से कांग्रेस पार्षद पति गोविंद पटेल ने यह दावा किया है कि उनके वार्ड में ६० प्रतिशत अपात्र लोगों के नाम सूची में शामिल हैं। पटेल ने पत्रिका से की बात में बताया कि उनके वार्ड में कुल ३७८ लोगों को आवासहीन बताया गया है, जिनमें कई लोग करोड़पति हैं। इस पूरी गलती को लेकर नगर पालिका को जिम्मेदार ठहराया गया है।
नपा की लापरवाही
जानकारों की माने तो नगर पालिका क्षेत्र में आवासहीन लोगों को चिह्नित करने में जो गलती हुई है और अपात्रों के नाम सूची में शामिल किए गए हैं। इसमें पूरी गलती नगर पालिका प्रबंधन की है। क्योंकि नपा ने जिस एजेंसी से यह पूरा सर्वे कराया है, उसने फील्ड की जगह टेबिल वर्क किया है। एजेंसी कर्मचारियों ने लोगों के घर जाकर जानकारी नहीं जुटाई है। यही कारण है कि करोड़ों की संपत्ति के मालिकों को भी सूची में शामिल कर लिया गया है।
राजस्व को सौंपी है जिम्मेदारी
&यह सच है कि सूची में अपात्रों का चयन हुआ है। सर्वे करने वाली एजेंसी ने बड़ी लापरवाही की है, लेकिन योजना का लाभ पात्र लोगों को ही मिलेगा। इसके लिए राजस्व विभाग को सर्वे की जिम्मेदारी सौंपी है। उनके द्वारा चिह्नित लोगों को ही आवास का लाभ दिया जाएगा।
आरसी अहिरवार,
सीएमओ, नगर पालिका

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