सागर

डकैतों से मुठभेड़ में गई थी प्रधान आरक्षक शिवलाल की जान

शहीद की शहादत में कार्यक्रम आयोजित, दी श्रद्धांजलि

सागरOct 23, 2021 / 07:59 pm

sachendra tiwari

Principal constable Shivlal’s life was lost in an encounter with dacoits

बीना. देश व लोगों की सुरक्षा के लिए अपनी जान गंवाने वाले शहीदों की शहादत को याद करने के लिए पुलिस विभाग द्वारा शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल में कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। 58 साल पहले भानगढ़ थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक की जान डकैतों से मुठभेड़ में गई थी, जिन्हें याद करने के लिए उनके अध्ययन करने वाले स्कूल में कार्यक्रम आयोजित किया गया। उनकी शहादत का किस्सा पुलिस ने स्कूल की छात्राओं को सुनाया। थानाप्रभारी कमल निगवाल ने कहा कि शहर के लोगों को यह शायद ही मालूम होगा कि शहर का एक जवान डकैत से लड़ते हुए शहीद हुआ था। उन्होंने बताया कि वर्ष 1963 में भानगढ़ थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक शिवलाल कुशवाहा के लिए जानकारी मिली थी कि पटकुई गांव में डकैत पन्ना कोरी डकैती डालने वाला है और उन्होंने वहां पहुंचकर घेराबंदी कर ली। इस दौरान डकैत हथियार से लैश होने के कारण उसने फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें शिवलाल को गोली लगने से उनकी मृत्यु हो गई थी, जिन्हें पुलिस ने शहीद का दर्जा दिया था। कार्यक्रम में उन्हें श्रद्धांजली दी साथ उनके परिजनों नाती उदयभान कुशवाहा, देवेन्द्र कुशवाहा और बहू का सम्मान किया गया। इस अवसर पर कन्या हायरसेकंडरी स्कूल प्राचार्य संजय साहू, अजय ठाकुर सहित छात्राएं उपस्थित थीं।
शहीद रामेन्द्र मिश्रा को नहीं किया याद
पिछले साल कोरोना से अपनी जान गंवाने वाले शहीद रामेन्द्र मिश्रा को पुलिस ने श्रद्धांजली नहीं दी, जबकि सरकार ने कोरोना में जान गंवाने वाले पुलिसकर्मियों को शहीद का दर्जा दिया था। उनके अंतिम संस्कार पर गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया, लेकिन अब जब शहीदों को याद करने के लिए कहा गया तब जिम्मेदार उन्हें भूल गई।

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