दो दर्जन से ज्यादा बंदी राखियां तैयार करने में जुटे हैं
सागर•Jul 16, 2018 / 09:58 am•
sunil lakhera
Prisoner Rakhi Rakshabandhan Yarn Non-violent Thread
सागर. केंद्रीय जेल के दो दर्जन से ज्यादा बंदी राखियां तैयार करने में जुटे हैं। एक सामाजिक संगठन की मदद से उपलब्ध कराए गए सूत से केंद्रीय जेल में बन रही आकर्षक और सादगीपूर्ण राखियां रक्षाबंधन के पर्व से पहले बिक्री के लिए बाजार में भी उपलब्ध कराई जाएंगी। वहीं इन राखियों की बिक्री से होने वाला लाभांश कैदियों के कल्याण कोष में जमा कराया जाएगा। केंद्रीय जेल में कुशल और हुनरमंद बंदियों को पिछले दिनों अहिंसक धागे से राखी तैयार करने का प्रशिक्षण दिलाया गया था।
करघे पर तैयार हो रहा सूत :-
राखी बनाने के लिए केंद्रीय जेल में स्थापित हथकरघे पर सूत को कातकर धागा बनाया जा रहा है। इस धागे की खास बात यह है कि इसमें किसी भी प्रकार का सिंथेटिक मटेरियल या जीव विशेष को नुकसान पहुंचाकर तैयार किया गया मटेरियल उपयोग नहीं किया गया है। इसीलिए केंद्रीय जेल में बंदियों द्वारा तैयार अहिंसक राखियां अपने आप में अलग और विशेष महत्व की हैं। बाजार में भी इनकी मांग को लेकर बंदी उत्साहित हैं।
साडिय़ां भी कर रहे हैं तैयार
केंद्रीय जेल में जैन संत आचार्य विद्यासागर महाराज की प्रेरणा से करीब छह माह पहले हथकरघे स्थापित किए गए हैं। जेल मुख्यालय द्वारा सामाजिक समिति को केंद्रीय जेल में १०८ करघे लगाने की अनुमति दी जा चुकी है और यह काम तेजी से चल रहा है। इस बीच केंद्रीय जेल में चार माह से अहिंसक धागे से साडि़यां भी तैयार की जा रही हैं, जिन्हें बाजार में समिति के माध्यम से विक्रय के लिए भेजा जा रहा है।
तन्मयता से जुटे हैं बंदी
केंद्रीय जेल में अहिंसक धागे की साड़ी के बाद अब राखी भी तैयार कराई जा रही हैं। बंदी बड़ी तन्मयता के साथ इस काम में जुटे हैं। राखियां पूरी तरह ङ्क्षहसामुक्त तरीके से बनाई जा रही हैं।
मदन कमलेश,
डिप्टी सुपरीटेंडेंट, केंद्रीय जेल सागर