जुमे पर मस्जिदों में नमाज अता की
सागर. रमजान के तीसरे जुमे पर शुक्रवार को मुस्लिम धर्मावलंबी जामा मस्जिद , पीली कोठी, बड़ी तकिया, घंसु मुंशी मस्जिद शुक्रवारी, अजी मुल्ला खां, मोहम्मदी मस्जिद शनीचरी, कसाब मंडी मस्जिद सहित अन्य मस्जिदों पर नमाज अता करने के लिए पहुंचे। मुफ्ती अबरार ने बताया कि शहर में ४० मस्जिद हैं, जहां बच्चों से लेकर बुजर्ग तक नमाज अता करने के लिए पहुंचे। जुमे का रोजा सबसे अच्छा दिन माना जाता है और इसे त्योहार के रूप में मनाया जाता है। शुक्रवार को १६वां रोजा रहा। सुबह ४.१५ बजे पहली नमाज अता की गई। रोजा सुबह ४ बजे से शाम ७ बजे तक चला।
रमजान में खुलते हैं जन्नत के दरवाजे -मान्यता है कि रमजान के महीने में जन्नत के दरवाजे खोल दिए जाते हैं और जो रोजे रखता है उसे ही जन्नत नसीब होती है। रमजान महीने का पहला अशरा (दस दिन) रहमत का, दूसरा अशरा मगफिरत और तीसरा अशरा दोजख से आजादी दिलाने का है। यह महीना प्रेम और अपने ऊपर संयम रखने का मानक है। इसलिए रोजा जरूर रखना चाहिए।