अभी जिन ट्रेनों में लगे हैं अग्निशमन उनकी स्थिति है खराब
सागर•Mar 30, 2021 / 08:28 pm•
anuj hazari
Railway Board issued orders to install fire fighting equipment in all trains
बीना. देहरादून शताब्दी व लखनऊ शताब्दी में आग लगने की घटना के बाद भी भोपाल रेल मंडल व पश्चिम मध्य रेलवे जोन ने सबक नहीं लिया है। दरअसल बीना से गुजरने वाली कई ट्रेनों में रखे अग्निशमन यंत्रों में जंग लगी हुई है, तो कुछ टे्रनें जिनमें अभी पुराने कोच लगे हैं उनमें अग्निशमन यंत्र नहीं हैं। जिन ट्रेनों में यह यंत्र लगे हैं उनमें किसी का प्लास्टिक पाइप खराब है, तो किसी के ऊपर का हिस्सा ही खराब हो चुका है। यदि आग लगने की घटना होती है, तो स्थिति आग पर काबू पाना मुश्किल होगा। वहीं कुछ टे्रनों में वायर लटके दिखे, जिनसे शॉर्ट सर्किट से आग लगने जैसी घटना का खतरा बना हुआ है। जंक्शन से गुजरने वाली अधिकांश ट्रेनों के अग्निशमन यंत्र खराब हो चुके हैं, वहीं कई एक्सपायरी डेट के हंै। आगजनी की घटना के बाद रेलवे बोर्ड ने सभी ट्रेनों के हर कोच में आग पर नियंत्रण पाने के लिए अग्निशमन यंत्र रखने के आदेश दिए हैं। इसके बाद भी भोपाल रेल मंडल व पश्चिम मध्य रेलवे की ओर से इस ओर ध्यान नहीं दिया गया है। जबकि देहरादून शताब्दी व लखनऊ शताब्दी में आगजनी की घटना को करीब दो सप्ताह से ज्यादा समय हो गया है।
जोन के अधिकांश स्टेशन पर सालों से नहीं बदले अग्निशमन यंत्र
ट्रेनों की तरह ही पमरे जोन के भोपाल व जबलपुर मंडल में स्टेशनों पर रखे अग्निशमन यंत्रों की भी हालत भी ठीक नहीं है। सालों से इनपर ध्यान नहीं दिया गया है। इसके चलते इनमें भी जंग लग चुकी है। रेलवे स्टेशन के विभिन्न कार्यालयों में आगजनी की घटना से निपटने के लिए अग्निशमन यंत्र रखे हुए हैं, लेकिन कई की एक्सपायरी डेट निकल चुकी है। बोर्ड के आदेश के बाद इस दिशा में अब रेलवे अधिकारी स्टेशनों की जांच कराने की बात कह रहे है।
आग लगने की घटनाओं में नहीं हो पाता है काबू
समय से देखदेख न करने और सभी कोच में अग्निशमन यंत्र नहीं होने के कारण जब आग लगने जैसी कोई घटना होती है तो उसपर काबू नहीं पा पाते हैं और आग विकराल रूप ले लेती है, जिससे जनधन की हानि होती है।
इनका कहना है
आगजनी की घटनाओं को रोकने के लिए पूरे पमरे जोन में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। नुक्कड़ नाटक के माध्यम से व ट्रेनों में ज्वलनशील पदार्थ लेकर जाने वालों की जांच कर रहे हैं।
राहुल जयपुरिया, सीपीआरओ, पश्चिम मध्य रेलवे