एक में दूसरी महिला से संबंधों की आशंका की वजह से एक आरक्षक को प्रताडऩा का आरोपी बनाया गया है तो दूसरे में नशे की लत में डूबे पति के उपचार और रुके हुए वेतन के लिए उज्जैन एसपी को आवेदन करने की समझाइश दी गई है।
जिले में पति- पत्नी के बिखरते रिश्ते से संबंधित 130 से ज्यादा प्रकरण महिला थाने में दर्ज हुए हैं जिनमें से 79 अन्य थानों को भेजे गए हैं।
बिगड़ते रिश्तों से आ रही सुखी परिवारों में दरार
महिला थाना प्रभारी संगीता सिंह के अनुसार प्रतिदिन बड़ी संख्या में पति- पत्नी के बीच अनबन की शिकायतें थाने पहुंच रही हैं। किसी मामले में पति- पत्नी के बीच मोबाइल फोन को लेकर शिकायत सामने आती है तो कोई पति पर दूसरी महिला से संबंध होने की शिकायत करती है और किसी पति को पत्नी का ज्यादा देर तक मोबाइल पर बात करना पसंद नहीं होता। इसके अलावा कुछ मामले सीधे दहेज को लेकर परिवार में खींचतान से संबंधित हैं। पहले केवल दहेज की मांग की शिकायतें आती थीं लेकिन अब आपसी सामंजस्य की कमी के मामले ज्यादा आ रहे हैं। इन शिकायतों की पृष्ठभूमि में कमजोर हो रहे सामाजिक तानेबाने की स्थिति को आसानी से समझा जा सकता है।
सुरखी क्षेत्र निवासी महिला ने पिछले दिनों आरक्षक पति द्वारा उसे साथ न रखने की शिकायत करते हुए दूसरी महिला से संबंध का अंदेशा जताया था। महिला को शक है कि उसका आरक्षक पति दूसरी पत्नी के साथ रहता है। इस शिकायत पर महिला थाना पुलिस ने होशंगाबाद जिले में तैनात आरक्षक बलराम सौदे को तलब किया। हरदा के टंकी मोहल्ला के रहने वाले बलराम ने पत्नी की मौजूदगी में बताया कि मां के निधन के बाद पिता घर में अकेले हैं। बुजुर्ग पिता की देखरेख के लिए वह पत्नी को उनके पास छोडऩा चाहता है। वहीं महिला को पति के दूसरी महिला के साथ रहने का शक था। महिला थाने में पुलिस ने दोनों को आमने- सामने बैठाकर परामर्श कराया लेकिन उनमें सहमति नहीं बनी तो महिला की शिकायत पर आरक्षक पति के विरुद्ध प्रताडऩा का केस दर्ज करना पड़ा।
पति से मिलने में सास को बताया बाधा, हकीकत कुछ और निकली
महिला थाना प्रभारी संगीता सिंह के अनुसार पिछले दिनों मकरोनिया निवासी महिला ने उज्जैन में पदस्थ आरक्षक पति का तीन माह से पता न लगने की शिकायत की थी। उसने पति से मिलने में अपनी सास को बाधा बताया था। महिला को अंदेशा था कि उसकी सास उसे पति से मिलने से रोक रही है। शिकायत पर जब महिला थाना पुलिस ने पड़ताल की तो पता लगा आरक्षक नशा करने का आदी है। इसी वजह से उसे भोपाल के नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराया गया है। केंद्र के नियम के चलते ही उसे परिजनों से मिलने नहीं दिया जा रहा है। आरक्षक तीन माह से गैरहाजिर है इस वजह से वेतन भी नहीं मिल रहा। पत्नी ने आर्थिक तंगी का हवाला भी दिया। इस पर महिला थाना पुलिस ने महिला को पति के इलाज संबंधी दस्तावेजों के साथ उज्जैन एसपी कार्यालय में आवेदन करने की समझाइश दी है।
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कई बार काउंसलिंग के बाद भी टूट रहे हैं रिश्ते
महिला थाने में पिछले कुछ महीनों में दहेज, मानसिक एवं शारीरिक प्रताडऩा संबंधी 51 केस महिला थाने में परामर्श के बाद दर्ज किए गए हैं। वहीं जिले के विभिन्न क्षेत्रों से आई शिकायतों पर 82 केस दर्ज कर शून्य पर कायम कर जांच के लिए अन्य थानों को भेजे गए हैं।