scriptवर्षों की मांग के बाद भी नहीं बन पाया था रोड और कुछ दिनों में ही गांव के दोनों तरफ हो गया रोड का निर्माण | Road could not be built even after years of demand | Patrika News

वर्षों की मांग के बाद भी नहीं बन पाया था रोड और कुछ दिनों में ही गांव के दोनों तरफ हो गया रोड का निर्माण

locationसागरPublished: May 02, 2021 09:51:22 pm

Submitted by:

sachendra tiwari

रोड बनने से ग्रामीण हुए खुश

Road could not be built even after years of demand

Road could not be built even after years of demand

बीना. रिफाइनरी के बाजू से बसे करीब 500 की आबादी वाले आगासौद चक्क गांव के लोगों को आजादी के बाद से रोड नहीं मिल पाया, क्योंकि रोड बनाने के लिए पूरी सरकारी जमीन नहीं थी, लेकिन अब उन्हें एक तरफ से नहीं दोनों तरफ से रोड मिलने वाला है।
आगासौद चक्क में एक हजार के अस्थाई कोविड अस्पताल का निर्माण चल रहा है और इसके लिए दोनों तरफ से पक्का रोड बनाने का कार्य तेज गति से पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा किया जा रहा है। जबकि ग्रामीण रोड की मांग यहां वर्षों से करते आ रहे हैं, लेकिन पूरी सरकारी जमीन न होने का हवाला देकर अधिकारी रोड नहीं बनाते थे और बारिश में यह स्थिति होती थी कि यदि कोई ग्रामीण बीमार हो जाए तो उसे अस्पताल तक कंधों पर लेकर आना पड़ता था। अस्पताल के लिए दोनों तरफ से बनने वाले पक्के रोड के बाद ग्रामीण खुश हैं और उनका कहना है कि बारिश में जो नरकीय जीवन जीते थे अब नहीं जीना पड़ेगा। बारिश में भी अब वह मुख्य मार्ग से जुड़े रहेेंगे। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले करीब दस वर्षों से बारिश के पूर्व जनप्रतिनिधि, अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर रोड की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन अभी तक रोड नहीं बना था और अब दोनों तरफ से रोड बनाया जा रहा है। पिछले वर्ष ज्ञापन सौंपने के बाद अधिकारियों ने निरीक्षण भी किया था, लेकिन बीच में निजी जमीन आने के कारण रोड नहीं बन सका था। हालांकि अभी यह अस्थाई रोड बनाया जा रहा है, जो निजी जमीनों में से बन रहा है। जब तक अस्पताल खुली रहेगी तब तक रोड रहेगा, लेकिन अस्थाई रोड इतनी मजबूती से बन रहा है कि ग्रामीणों को उम्मीद है कि अब एक तरफ से तो रोड हमेशा ही रहेगा।
भूमि स्वामियों सहमति लेकर बना है रोड
अस्पताल के लिए जो रोड बनाया गया है उसमें निजी जमीन वाले भूमि स्वामियों से सहमति ली गई है। यह अस्थाई रोड बनाया गया है और यह स्थाई रहेगा या नहीं इस संबंध कुछ नहीं कह सकते हैं।
संजय जैन, तहसीलदार, बीना

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