सागर

लाखों खर्च कर लगाए गए पौधे सूखे, अब फिर रोपे लाने लगे पौधे, बीस लाख होंगे खर्च

पौधों को सुरक्षित रखने के नहीं होते प्रयास

सागरSep 15, 2019 / 08:50 pm

sachendra tiwari

plants dried

बीना. सागर-बीना नेशनल हाइवे पर बीना-खुरई के बीच पिछले वर्ष लाखों रुपए खर्च कर पौधे रोपे गए थे, लेकिन इनमें से एक भी पौधा नहीं बचा है। पौधा रोपने के बाद उनकी सुरक्षा इंतजाम नहीं किया गया, जिससे पौधे सूख गए हैं। यहां सुरक्षा के लिए सिर्फ ईटों के ट्री गार्ड बना दिए गए थे जो अब गायब हो चुके हैं।
धरती को हराभरा करने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन रोडों के निर्माण में काटे जाने वाले पेड़ों की जगह नए पेड़ नहीं लग पा रहे हैं। रोड बनाते समय बीना-खुरई के बीच सैकड़ों पेडों को काटा गया था। इसके बाद संबंधित ठेकेदार को ही पौधे रोपने की जिम्मेदारी रहती है, लेकिन कंपनी द्वारा लापरवाही करते हुए ईटों के ट्री गार्ड बनाकर पौधे रोप दिए थे जो कुछ दिनों में ही सूख गए। साथ ही ट्री गार्ड भी कहीं नजर नहीं आ रहे हैं और ईटें भी लोगों ने चोरी कर ली हैं। अब फिर लाखों रुपए खर्च कर पौधे लगाने का ठेका दिया गया है। यह पौधे भी पेड़ बन पाएंगे यह उम्मीद नहीं है। क्योंकि यहां पौधों की सुरक्षा के लिए सिर्फ कटीली झाडिय़ों को लगाया जा रहा है जो तेज हवा के झोके में ही उड़ जाएंगे। यदि यहां मजबूत ट्री गार्ड लगाए जाएं तो शायद पौधे सुरक्षित रह सकें।
नियमित नहीं होती देखभाल
रोड के बाजू से पौधे लगाने के बाद उनकी नियमित देखभाल नहीं होती है, जिससे पौधे खराब हो जाते हैं। ठंड और गर्मी के मौसम में पौधों पर पानी भी नहीं डाला जाता है। यदि नियमिति देखभाल हो जाएं तो यह पौधे पेड़ बन सकते हैं। विभाग सिर्फ ठेका देकर अपना काम कर लेता है। अधिकारियों द्वारा भी इस ओर गंभीरता नहीं बरती जा रही है।
चौड़ीकरण के बाद कटे थे पेड़
करीब आठ साल पहले बने रोड के समय भी पेड़ काटे गए थे, लेकिन इसके बाद दोरों ओर बड़े-बड़े पेड़ दिखने लगते थे। इसके बाद रोड का चौड़ीकरण करते समय पेड़ों को काटा गया है। रोड के बाजू से बबूल, आम सहित कई प्रकार के पेड़ लगे हुए थे, जिससे राहगीरों को छाया भी मिलती थी। अब हालत यह है कि गर्मी के मौसम में इस रोड पर पेड़ की छांव कहीं भी नहीं है।
बीस लाख से लग रहे पौधे
जिस ठेकेदार ने पिछली बार पौधे रोपे तो वह सुरक्षित नहीं हैं, जिससे भुगतान नहीं किया गया है और अब करीब बीस लाख रुपए में फिर से ठेका दिया गया है। जिसमें ट्री गार्ड की जगह कटीली झाडिय़ां लगाई जा रही हैं, जिससे पौधे सुरक्षित रहें।
एमएस कुरैशी, एसडीओ, एनएच

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