वरिष्ठ नेताओं ने केंद्रीय मंत्री से मुलाकात कर जिले के पुरातत्व महत्व के स्थलों को पर्यटन स्थल के रुप में विकसित करने एक पत्र भी सौंपा। पत्र में कहा गया है कि बीना के एेरण, गढ़पहरा, सानोधा का झूला पुल, राहतगढ़ किला, रहली का सूर्च व पंडरीनाथ मंदिर को पर्यटन स्थल के रुप में विकसित किया जा सकता है। भाजपाईयों ने केंद्रीय मंत्री पटेल को बताया कि सिद्ध क्षेत्र रानगिर में रोप-वे की अपार संभावनाएं हैं। डॉ. सुशील तिवारी व राजेंद्र सिंह मौकलपुर ने बताया कि रानगिर मंदिर देहार नदी के किनारे स्थापित है। नदी के दूसरी तरफ पहाड़ी पर बूढ़ी माता का मंदिर है। इस मंदिर में जाने के लिए जंगली रास्ता व नदी को पार करना पड़ता है। खूबसुरत पर्यावरण के लिहाज से भी यहां पर्यटन की संभावनाएं हैं। दोनों नव रात्री खासतौर पर चैत्र माह में यहां मेला भी लगता है। पर्व के दिनों में संभाग सहित प्रदेश के अन्य स्थलों से श्रद्धालु पहुंचते हैं। चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार पुरातत्व महत्व के स्थलों पर पर्यटन बढ़ाने की दिशा में कार्य कर रही है। रानगिर में रोप-वे जैसी बड़ी परियोजना पर भी विचार किया जाएगा। इस अवसर पर जिला अध्यक्ष प्रभुदयाल पटेल, डॉ. सुखदेव मिश्रा, शैलेष केशरवानी, श्याम तिवारी, अनुराग प्यासी, जाहर सिंह, नितिन शर्मा, तेजी सिंह राजपूत, प्रदीप राजौरिया आदि शामिल थे।