पैथोलॉजी- टीम के सदस्य ने यहां हो रही जांचों की जानकारी ली। मौजूद स्टाफ की संख्या व उनकी उपस्थिति जानी। लैब में न होने वाली जांचों को भी नोट किया।
रेडियोलॉजी- इस विभाग में टीम ने प्रतिदिन होने वाले एक्सरे, सोनोग्राफी की जानकारी ली। रजिस्टर भी चैक किया। रेडियोलॉजिस्ट मात्र एक पाया। पूर्व में भी यहां यही स्थिति टीम ने पाई थी।
कैज्युअल्टी- यहां टीम ने पहुंचकर प्रतिदिन भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या, उपचार की व्यवस्था और दवाओं की उपलब्धता की जानकारी ली। नर्सिंग स्टाफ व डॉक्टर ड्यूटी रजिस्टर भी चैक किए।
गायनी – टीम को इस विभाग में प्रसूताओं की पर्याप्त भीड़ दिखी। नर्सिंग स्टाफ, डॉक्टर्स भी मौके पर उपस्थित मिले।
कॉलेज – टीम ने कॉलेज का भी निरीक्षण किया। यहां उन्होंने फार्मों की जांच की। इसमें नई नियुक्तियों से संबंधित दस्तावेजों का अवलोकन किया।
बीएमसी की तैयारियों पर एक नजर
प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर की ३० फीसदी कमी को पूरा करने के लिए प्रबंधन ने शासन को भेजी है प्रमोशन लिस्ट।
हालही में सेवानिवृत्त प्रोफेसर्स को वापस लाने के लिए संविदा पर नियुक्त करने भी बनाया है प्रपोजल, चार रिटायर्ड प्रोफेसर हो चुके हैं तैयार।
एसआर व जेआर की ९० फीसदी भरपाई का दावा।
यह पूछे सवाल
टीम- आपके यहां भर्ती बच्चों की संख्या कम क्यों है…?
डॉक्टर- हेल्दी सीजन के कारण बच्चे कम भर्ती हुए हैं। हमेशा एेसी स्थिति नहीं रहती।
टीम- अच्छ हेल्दी सीजन में बच्चे बीमार नहीं पड़ते हैं क्या…।
डॉक्टर- सर एेसी बात नहीं है..।
टीम- देखिए…हम सब समझते हैं। ठीक से काम कीजिए।
डॉक्टर- सर…
असम से डॉ. बीसी दत्ता, महाराष्ट्र से डॉ. जीवी ठाकुर, आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा से डॉ. शंकर कुर्ली