..क्योंकि महापौर डर रहे थे
नेता प्रतिपक्ष अजय परमार ने बांध का निरीक्षण करने के बाद कहा कि सूखा का वर्ष है, इसलिए पेयजल प्रबंधन महत्वपूर्ण बात है। महापौर ने पिछले दिनों जलस्तर मापने की बात कही थी लेकिन पत्रिका द्वारा खुलासा किए जाने के बाद शायद वे डर गए। यही वजह है कि मुझे राजघाट का निरीक्षण करना पड़ा। बांध में पिछले साल से ज्यादा पानी है और पानी प्रबंधन पर ध्यान गया दिया तो वर्तमान व्यवस्था के तहत ही मानसून आने तक शहर में जलापूर्ति होती रहेगी।
…तो कैसे कम बता दिया पानी
आप के जिला संयोजक डॉ. स्वदीप श्रीवास्तव का आरोप है कि महापौर व निगमायुक्त अनुराग वर्मा की पूरे मामले में संदिग्ध भूमिका है। अधिकारियों ने पिछले वर्ष से कम पानी बांध में कैसे बता दिया। इतना संवेदनशील मामला होने के बाद इसे संज्ञान में क्यों नहीं लिया गया?
…सिर्फ प्रबंधन की जरूरत है सरकार
निगम के जिम्मेदारों ने जैसी ही जलापूर्ति में कटौती की साजिश रची थी तभी पत्रिका ने पड़ताल करके पूरे मामले का खुलासा कर दिया था। राजघाट के मामले में सिर्फ पानी प्रबंधन की ओर ध्यान देना है। पहला बांध में हो रही पानी की चोरी को रोकना होगा तो मकरोनिया को बल्क मीटर से पानी की सप्लाई करनी होगी।