26 से लुढ़कर 140 पर पहुंचे, स्वच्छता रैकिंग: 1000 में से 776 अंक ही मिले, फुस्स हुए दावे
सागर•Aug 15, 2018 / 01:06 pm•
sunil lakhera
Sagar station cleanliness clears racking falls continuously manageme
सागर. देशभर के एक श्रेणी के रेलवे स्टेशनों में स्वच्छता और यात्री सुविधाओं के मामले में सागर को 140वां स्थान मिला है, जबकि पिछले साल हुए इस सर्वेक्षण में 26वें पायदान पर था। इसमें सबसे बड़ी कमी प्लेटफॉर्म नंबर एक पर टॉयलेट नहीं होना बताया जा रहा है। हालांकि पिछले साल की अपेक्षा इस बार सर्वेक्षण के मापदंडों में स्वच्छता व यात्री सुविधाओं को ज्यादा बारीकी से परखा गया। रेल मंत्रालय ने देशभर के 407 स्टेशनों को दो श्रेणियों में बांटकर इसकी रैंकिंग तय की है। ए-१ और ए श्रेणी के स्टेशनों की रैंकिंग जारी हुई है। सागर ए श्रेणी का रेलवे स्टेशन है, लेकिन स्वच्छता रैकिंग में 1000 में से 776.77 अंक ही मिले हैं, जबकि पिछले साल 781अंक मिले थे।
स्वच्छता पर हर माह 5.50 लाख खर्च
सागर स्टेशन से प्रतिदिन करीब तीन दर्जन यात्री गाडि़यों का आवागमन होता है। जिसमें सागर से करीब साढे़ 7 हजार यात्री सफर करते हैं। रेलवे स्टेशन सहित पूरे यार्ड की सफाई पर हर महीने साढ़े 5 लाख रुपए से अधिक खर्च करता है। रेलवे ने क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा रेलवे स्टेशनों पर स्वच्छता, यात्री सुविधा पर सर्वेक्षण कराया गया है।
छोटी-छोटी कमियां बनीं बड़ी वजह
स्वच्छता को लेकर यात्रियों पर की गई पेनल्टी, वेटिंग रूम और रिटायरिंग रूम में वेंटिलेशन, टॉयलेट के सीवर में ढक्कन या जाली, एक नंबर प्लेटफॉर्म पर टॉयलेट जैसी सुविधाओं को परखा गया। सर्वे के समय कोच डिस्प्ले का काम लगा था। इसके अलावा खंभे लगाने गड्डे खोदे गए थे। प्लेटफॉर्म के दूसरी ओर बाउंड्रीवॉल, काऊ कैचर नहीं लगा है।
सीधे ६६ नंबरों का घाटा- सिटीजन फीडबैक, डायरेक्ट ऑब्जर्वेशन के नंबरों में बढ़त रही, लेकिन प्रोसेस मूल्यांकन में गत वर्ष से सीधे 66.37 नंबरों का घाटा हुआ। यानी 2017 में जहां 300 अंक मिले थे, वहीं इस बार 233.63 अंक ही हासिल हो पाए। सागर स्टेशन बुंदेलखंड का बड़ा स्टेशन है इस की ये स्थिति ठीक नहीं हैं जबकि दमोह स्टेशन स्वच्छता में आगे है।