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सावन माह : चार सोमवार में से दो पर सोम प्रदोष का योग

रवि योग और अमृत सिद्धि भी इस माह में रहेंगे विद्यमान

सागरJul 18, 2019 / 07:14 pm

रेशु जैन

सागर. सावन माह की शुरुआत 17 जुलाई से हो चुकी है। इस बार यह माह कई शुभ संयोगों से युक्त रहेगा। शिव आराधना के लिए विशेष शुभ माने जाने वाले इस माह में बनने वाले कुछ और विशेष संयोग इसे और खास बना देंगे। पवित्र सावन माह में इस बार 12 दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग रहेगा। इसी तरह अमृत सिद्धि योग और रवि योग के संयोग भी महीने में कई बार आएंगे। सावन माह 17 जुलाई से शुरू हुआ जो 15 अगस्त रक्षाबंधन तक रहेगा। सावन माह भगवान शिव को विशेष प्रिय माना जाता है, और पूरे माह में भगवान भोलेनाथ की आराधना होती है। ऐसा माना जाता है कि देवशयन के बाद सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु चार माह तक क्षीर सागर में विश्राम करते हैं, और भगवान भोलेनाथ सृष्टि की बागडौर संभालते हैं। सावन माह में भगवान भोलेनाथ प्रकृति के सौंदर्य को निहारते हैं और विद्यमान रहते हैं। इसलिए सावन में भगवान भोलेनाथ की विशेष पूजा का विधान है।

पूरे माह शिव आराधना करना होगा फलदायी
पं. शिवप्रसाद तिवारी के अनुसार सावन माह की शुरुआत बुधवार के दिन और उत्तराषाढ़ नक्षत्र में हुई। शुभ दिन और शुभ नक्षत्र में शुरुआत होने से सावन में अच्छी बारिश होगी और सुख समृद्धि बढ़ेगी। पूरे माह में नौ दिन सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। यह एक कार्यसिद्धि योग माना गया है। इसमें शुभ कार्य, विशेष अनुष्ठान आदि करना फलकारी होता है। वैसे तो पूरा सावन माह ही शिव आराधना, रूद्राभिषेक, अभिषेक के लिए विशेष शुभ माना जाता है, लेकिन सर्वार्थ सिद्धि योग के दिन भोलेनाथ का रूद्राभिषेक करना अत्यंत फलदायी होता है।

इस बार खास होंगे चारों सोमवार

पंडितों के मुताबिक इस बार सावन माह में चार सोमवार है, और चारों ही सोमवार के दिन विशेष संयोग रहेंगे। इसमें दो सोमवार पर पंचमी तिथि आ रही है और दो सोमवार पर प्रदोषव्रत रहेगा। पंचमी वाले सोमवार के दिन जिन लोगों को कालसर्प दोष है, उनके लिए विशेष शुभ रहेगा। इस दिन अभिषेक, पूजा अर्चना करने से इस दोष के दुष्प्रभाव से राहत मिलेगी। इसी प्रकार जिस सोमवार को प्रदोष है, उस दिन अभिषेक, रूद्राभिषेक, पूजा अर्चना करने से भगवान भोलेनाथ की विशेष कृपा मिलेगी और रूके हुए काम पूरे होंगे। सावन के पहले सोमवार 22 जुलाई को मोना पंचमी और 5 अगस्त के सोमवार पर नागपंचमी होगी। इसी प्रकार 29 जुलाई और 12 अगस्त के सोमवार पर प्रदोष रहेगा और इस दिन सोम प्रदोष का संयोग बनेगा।

सावन में पडऩे वाले प्रमुख व्रत-त्योहार
20 जुलाई- संकष्‍टी चतुर्थी

22 जुलाई- सावन सोमवार व्रत
23 जुलाई- मंगला गौरी व्रत

24 जुलाई- कालाष्‍टमी
28 जुलाई- कामिका एकादशी, रोहिणी व्रत

29 जुलाई- सावन सोमवार व्रत, प्रदोष व्रत
30 जुलाई- सावन शिवरात्रि

31 जुलाई- हरियाली अमावस्‍या
3 अगस्‍त- हरियाली तीज

4 अगस्‍त- विनायक चतुर्थी
5 अगस्‍त- नाग पंचमी, सावन सोमवार व्रत, स्‍कंद षष्‍ठी

8 अगस्‍त- मासिक दुर्गाष्‍टमी
11 अगस्‍त- सावन पुत्रदा एकादशी

12 अगस्‍त- सावन सोमवार व्रत, प्रदोष व्रत
15 अगस्‍त- श्रावण पूर्णिमा, रक्षाबंधन, गायत्री जयंती

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