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सिविल अस्पताल में नहीं सोनोग्राफी मशीन, बाजार में रुपए खर्च कर करानी पड़ रही जांच

रोकस की बैठक में भी हो चुका है प्रस्ताव पारित

सागरOct 30, 2020 / 09:05 pm

sachendra tiwari

Sonography machine not in civil hospital

बीना. सिविल अस्पताल में अभी तक सोनोग्राफी की व्यवस्था नहीं हो पाई है, जिससे जांच कराने के लिए लोगों को बाजार में रुपए खर्च करने पड़ते हैं, जबकि सोनोग्राफी मशीन खरीदने के लिए पिछले वर्ष सितंबर माह में हुई बैठक में प्रस्ताव पारित हुआ था, लेकिन अभी तक मशीन नहीं आई है।
सोनोग्राफी कराने की जरूरत सबसे ज्यादा गर्भवती महिलाओं को रहती है। अस्पताल में महिला चिकित्सक द्वारा जांच तो कर दी जाती है और जब जरूरत सोनोग्राफी की पड़ती है तो उन्हें बाजार से जांच कराने के लिए कहा जाता है, जहां एक बार सोनोग्राफी जांच कराने के लिए ५०० से १००० रुपए खर्च करने पड़ते हैं। इसके बाद भी अस्पताल में जांच कराने की व्यवस्था नहीं की जा रही है। गर्भवती महिलाओं के अलावा पेट संबंधी मरीजों को भी जांच कराने की जरूरत पड़ती है। रोगी कल्याण समिति की बैठक में सदस्यों ने मशीन खरीदने के लिए प्रस्ताव डाला था और यह प्रस्ताव पारित भी किया गया था, लेकिन एक साल बीत जाने के बाद अभी तक इस ओर कोई प्रयास नहीं किए गए हैं। गौरतलब है कि अस्पताल में जो उपलब्ध मशीनें हैं उन्हें भी चलाने वाला नहीं है। जबकि इससे कई प्रकार की जांचें की जा सकती हैं।
नहीं है कोई प्रशिक्षित डॉक्टर
इस संबंध में जब भी प्रबंधन से बात की जाती है तो जवाब मिलता है कि मशीन चलाने के लिए कोई प्रशिक्षित डॉक्टर नहीं है। जबकि प्रबंधन चाहे तो एक डॉक्टर को प्रशिक्षण दिलाकर अस्पताल में जांच की व्यवस्था शुरू कराई जा सकती है, लेकिन उदासीन रवैए के कारण अभी तक इस सुविधा का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
हो चुका है निरीक्षण
पिछले वर्ष दिसंबर में एक कंपनी के कर्मचारी ने अस्पताल का निरीक्षण कर डिजीटल एक्स-रे मशीन और सोनोग्राफी मशीन संबंधी जानकारी ली थी। इसके बाद कोरोना के चलते आगे कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है।
डॉ. संजीव अग्रवाल, बीएमओ

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