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सरकारी रविशंकर स्कूल की छात्राएं कर रही एआई की पढ़ाई, बोर्ड परीक्षा में 27 छात्राओं को मिले 85 से ज्यादा अंक

अगले कुछ सालों में टेक्नोलॉजी पूरी तरह से बदलने वाली है। कई क्षेत्रों में अभी से ही एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का बोलबाला बढऩे लगा है। ऐसे में स्टूडेंट्स को स्कूल के लेवल से ही एआई के लिए तैयार किया जा रहा है।

सागर

Reshu Jain

May 16, 2024

school mp sagar
school mp sagar

दसवीं कक्षा में 40 छात्राओं ने दिया था एआई का भी पेपर, 100 फीसदी छात्राएं हुई पास

सागर. अगले कुछ सालों में टेक्नोलॉजी पूरी तरह से बदलने वाली है। कई क्षेत्रों में अभी से ही एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का बोलबाला बढऩे लगा है। ऐसे में स्टूडेंट्स को स्कूल के लेवल से ही एआई के लिए तैयार किया जा रहा है। जिले का शासकीय पं. रविशंकर हायर सेकंडरी स्कूल पहला स्कूल है जहां एआई की पढ़ाई की जा रही है। इस सत्र में एआई की पढ़ाई करने वाली दसवीं की छात्राओं का रिजल्ट भी 100 फीसदी रहा है।
यहां लैब की स्थापना सरकार की ईएफए (एजुकेशन फॉर ऑल) स्कूल योजना के तहत राज्य मुक्त स्कूल बोर्ड से मिले फंड से की है।

40 छात्राएं हुई फस्र्ट डिविजन से पास
रविशंकर हायर सेकंडरी स्कूल में पिछले वर्ष 9वीं से एआई विषय को पढ़ाना शुरू किया गया था। कक्षा 10वीं में पहली बार छात्राएं माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा आयोजित बोर्ड परीक्षा में शामिल हुई। 40 छात्राओं ने एआई कोर्स की भी परीक्षा दी और 40 छात्राएं ही फस्र्ट डिविजन से पास हो गई। 27 छात्राओं ने 85 फीसदी से अधिक अंक एआई सब्जेक्ट में हासिल किए हैं। 75 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाली 11 छात्राएं हैं। स्कूल की पहल पर माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा एआई सब्जेक्ट को मान्यता दिलाई गई। एआई सब्जेक्ट का विषय कोर्ड जारी होने के बाद इस सत्र से ही अंकसूची में एआई के अंकों को भी शामिल किया गया।

100 कम्प्यूटर की अत्याधुनिक लैब
स्कूल में एआई सब्जेक्ट को पढ़ाने के लिए 100 कम्प्यूटर की अत्याधुनिक लैब में हैं। जहां छात्राएं एआई ( आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस ) पढ़ाई करती हैं। राज्य ओपन शिक्षा बोर्ड के संचालक डॉ . प्रभातराज तिवारी की पहल पर माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल द्वारा स्कूल शिक्षा के सिलेबस में वैकल्पिक विषय के रूप में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को शामिल किया। इसके बाद यह जिले का अकेला ऐसा सरकारी स्कूल बन गया, जिसमें प्रशिक्षित शिक्षकों से इस विषय की पढ़ाई कक्षा 9वीं और 10वीं की छात्राओं को करा रहे हैं।

एआई में बच्चों को यह पढ़ा रहे हैं
1, पाइथन लैंग्बेज : शिक्षक अर्चना कुशवाहा ने बताया कि सामान्य कार्यों के लिए उपयुक्त उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग पाइथन लैंग्बेज है। यह इन्टरैक्टिव, ऑब्जेक्ट ओरिएन्टेड, स्क्रिप्टिंग भाषा है। इस भाषा को इस तरह से डिजाइन किया गया है ताकि इसमें लिखे गए कोड आसानी से पढ़े और समझे जा सकें। यह भाषा छात्राओं को पढ़ाई गई है।
2, एपीआई : छात्राओं को एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग लैंग्बेज पढ़ाई गई है। कंप्यूटर प्रोग्रामिंग यह है कि हम मशीनों के साथ इस तरह से कैसे संवाद करते हैं जिससे वे हमारी आवश्यकता के अनुसार कार्य करते हैं। इसकी प्रोग्रामिंग छात्राएं सीख रही हैं।
2, माइक्रोसॉफ्ट एआई और एप्स : ये एप्लीकेशन उपयोगकर्ता के अनुभव को बढ़ाने और बुद्धिमान समाधान प्रदान करने के लिए है। इसके उपयोग से एप को बेहतर बनाते हैं।


  1. डेटा सेट : यह डेटा का संग्रह है । जिसका उपयोग एआई मॉडल को प्रशिक्षित व मूल्यांकन करने के लिए किया जाता है।

नई टेक्नोलॉजी की छात्राओं को जानकारी
डॉ. महेंद्र प्रताप तिवारी ने बताया कि पिछले सत्र से नवमीं कक्षा में एआई विषय शुरू किया था। इस वर्ष दसवीं में 100 फीसदी छात्राएं पास हैं। स्कूल का रिजल्ट ही 100 प्रतिशत रहा है। छात्राओं को एआई विषय के बेसिक के बारे में सिखाया जा रहा है। हमारा उद्देश्य नवाचार का रहता है। उन्होंने बताया कि स्कूल में दो शिक्षय एआई विषय को पढ़ा रहे हैं। साथ ही माइक्रो सॉफ्ट से एमओयू है। भोपाल से ऑनलाइन क्लास संचालित है।