50 प्रतिशत में हैं खामियां
विशेषज्ञों की माने तो शहर और मकरोनिया के लगभग 50 प्रतिशत मैरिज गार्डन ऐसे हैं जिनमें गाइडलाइन के मुताबिक उपभोक्ताओं को सुविधाएं नहीं दी जा रहीं हैं। तिली मार्ग पर संचालित होने वाले मैरिज गार्डन में खामियां सबसे ज्यादा हैं। जिला अस्पताल व बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज तिली मार्ग पर ही होने के कारण सबसे ज्यादा यातायात जाम की समस्या होती है जिसके कारण इन मैरिज गार्डन को हटाने के लिए कई बार मांग उठ चुकी है। मकरोनिया क्षेत्र में बंडा और झांसी मार्ग पर भी ऐसी ही स्थिति देखने को मिलती है।
राज्य शासन ने दिए थे निर्देश
मप्र हाई कोर्ट में लगीं अलग-अलग याचिकाओं को लेकर राज्य शासन ने मैरिज गार्डन्स के विरुद्ध जांच करवाई थी। शासन ने 2 से 5 लाख की जनसंख्या वाले शहरों में मैरिज गार्डन की जांच करवाई थी और जिला और स्थानीय निकाय प्रशासन को कार्रवाई के लिए अधिकृत किया था लेकिन फिर भी जिम्मेदार अफसरों ने कोई कार्रवाई नहीं की। अव्यवस्थाओं वाले मैरिज गार्डन्स को सीधे सील करने के निर्देश दिए गए थे।
इस गाइडलाइन को आधार बनाकर किया गया था सर्वे
– मैरिज गार्डन में न्यूनतम भूखंड/ भूमि क्षेत्र 4000 वर्गमीटर होना तय किया गया है
– मैरिज गार्डन के सामने की सड़क की न्यूनतम चौड़ाई 12 मीटर होना चाहिए
– गार्डन का न्यूनतम अग्रभाग 25 मीटर होना चाहिए
– अधिकतम फर्श क्षेत्र अनुपात 0.10 होना चाहिए
– अधिकतम आच्छादित क्षेत्र 10 प्रतिशत होना चाहिए
– सामने न्यूनतम पार्रि्कंग क्षेत्रफल भूखंड/ भूमिक्षेत्र का 30 प्रतिशत होना चाहिए
– न्यूनतम खुला क्षेत्र (एमओएस) सामने पार्रि्कंग जगह के बाद 6 मीटर होना चाहिए
– आजू-बाजू व पीछे 4.5 मीटर होना चाहिए
– भू-उपयोग में अनुज्ञेयता आवासीय/वाणिज्यिक/कृषि/पीएसपी की होनी चाहिए
मतगणना के बाद फाइल देखकर कार्रवाई करेंगे
शहर और मकरोनिया क्षेत्र के मैरिज गार्डन का सर्वे पूरा करके प्रशासन को रिपोर्ट सौंपी थी। वरिष्ठ अधिकारियों ने इस मामले में क्या निर्देश दिए हैं, इसका लोकसभा चुनाव की मतगणना के पूर्ण होने के बाद अध्ययन करेंगे और जो दिशा-निर्देश होंगे, वैसी कार्रवाई करेंगे।
– डॉ. प्रणय कमल खरे, उपायुक्त, नगर निगम