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swachhata survekshan 2019: कैसे सुधरेगी रैंकिंग, इस ओर नहीं जा रहा नपा का ध्यान

जगह-जगह दिख रखे पॉलीथिन ढेर

सागरDec 23, 2018 / 08:48 pm

sachendra tiwari

swachhata survekshan 2019

बीना. स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 में रैंकिंग बढ़ाने के लिए भले ही बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हो, लेकिन सबसे ज्यादा गंदगी फैलाने वाली पॉलीथिन को बंद नहीं किया जा रहा है। दुकानों पर भारी मात्रा में पॉलीथिन का स्टॉक है और हर दुकान पर पॉलीथिन में ही सामान दिया जा रहा है।
शहर में जहां देखों वहां पॉलीथिन के ढेर नजर आ जाएंगे। शहर से निकलने वाले कचरा में सबसे ज्यादा पॉलीथिन ही निकलती है। साथ ही नाला, नालियां भी चोक हो रही हैं। यदि पॉलीथिन पर रोक लगा दी जाए तो शहर में स्वच्छता दिखने लगेगी। स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 के लिए नपा अधिकारियों ने प्लान बनाया हैउसमें पॉलीथिन पर रोक लगाने की बात भी शामिल है, लेकिन अभी तक एक भी जगह कार्रवाईनहीं की गई है। यदि स्टॉक करने वालों पर कार्रवाई कर जुर्माना लगाया जाए तो कुछहद तक इसपर रोक लगाईजा सकती है।
पन्नी के डिस्पोजल बने मुसीबत
चाय की दुकानों पर सबसे ज्यादा पन्नी की डिस्पोजलों का उपयोग किया जा रहा है। साथ ही शादी समारोह या अन्य आयोजन में भी इन्हीं डिस्पोजलों का उपयोग करते हैं। इस तरफ भी जिम्मेदार अधिकारियों का ध्यान नहीं जा रहा है। यदि पन्नी के डिस्पोजल रखने वाले दुकानदारों पर कार्रवाईहो तो इनका उपयोग रुक सकता है।
मिट्टी की घटा देती है उर्वरता
पॉलीथिन स्वास्थ्य के लिए तो हानिकारक है ही वहीं यह मिट्टी की उर्वरता को घटा देता है। इससे खेत में पैदावार कम हो जाती है। वहीं इसके जलने से कॉर्बनडाई आक्साइड गैस निकलती है। प्रदूषण मानकों के मुताबिक ४० से माइक्रोन से कम वाली प्लास्टिक का उपयोग सस्ता होने के कारण किया जा रहा है। जिससे प्रदूषण फैल रहा है।
प्रदूषण नियंत्रण विभाग को लिखा है पत्र
पॉलीथिन का स्टॉक करने वालों पर कार्रवाईकरने के लिए प्रदूषण नियंत्रण विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखा है। उनकी मदद से ही टीम गठित कर कार्रवाईकी जाएगी।
शिवराम साहू, सबइंजीनियर, नपा

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