scriptविस्थापन की चाल तो भैंसों से भी सुस्त,मवेशियों ने शहर को बना दिया गोकुल | The cattle made the city Gokul the move of displacement even dull th | Patrika News

विस्थापन की चाल तो भैंसों से भी सुस्त,मवेशियों ने शहर को बना दिया गोकुल

locationसागरPublished: Dec 27, 2017 11:13:19 am

जिम्मेदारों की कार्यप्रणाली देखकर ऐसा लगता नहीं है कि 2018 में भी विस्थापन के बहुप्रतीक्षित मुद्दे पर कुछ हो सकेगा।

विस्थापन की चाल तो भैंसों से भी सुस्त,मवेशियों ने शहर को बना दिया गोकुल

मवेशियों ने शहर को बना दिया गोकुल विस्थापन की चाल तो भैंसों से भी सुस्त

सागर. भैंस एक ऐसा मवेशी है, जिसे बड़ा ही सुस्त और आलसी माना जाता है। उसकी चाल भी मंद ही होती है। लेकिन उन्हें शहर से विस्थापित करने यानी डेयरियों को शहर से बाहर करने का मामला भी इतना ही सुस्त और धीमा चल रहा है। ताबड़तोड़ प्लानिंग, बैठक और मंथन का 2017 में तो कोई असर हुआ नहीं है, अब लोगों को नए साल में इस मुसीबत से निजात मिलने की आस बंधी है, लेकिन जिम्मेदारों की कार्यप्रणाली देखकर ऐसा लगता नहीं है कि 2018 में भी विस्थापन के बहुप्रतीक्षित मुद्दे पर कुछ हो सकेगा।
राजधानी स्तर पर अटके इस विस्थापन को लेकर पशुपालन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान लगाए जा रहे हैं। पिछले दिनों जिला प्रशासन व जनप्रतिनिधियों ने बैठक कर रतौना में डेयरी विस्थापन के साथ ही गोकुल ग्राम की स्थापना के लिए निर्णय लिए थे, लेकिन अब तक ये निर्णय जमीं पर नहीं उतरे हैं।

अगनानी के जाते ही उलझा प्लान
पूर्व में तत्कालीन संभागायुक्त डॉ. मनोहर अगनानी की अगुवाई में शहर सहित मकरोनिया की करीब 400 डेयरियों को सागर-भोपाल मार्ग पर स्थित ग्राम रतौना में 200 एकड़ जमीन चिह्नित कर डेयरी विस्थापन के लिए कार्रवाई आरंभ की गई थी। लेकिन डॉ. अगनानी के स्थानांतरण के साथ ही मामला फायलों में ही बंद हो गया।

दो विभागों के बीच है पेंच

रतौना में प्रस्तावित डेयरी स्टेट व गोकुल ग्राम का मामला दो विभागों के बीच जमीन स्थानांतरित न होने के कारण पेंच में फंसा है। रतौना की प्रस्तावित जगह पशुपालन विभाग की जमीन है, जिसे डेयरी स्टेट व गोकुल ग्राम बनाने के लिए पशुधन विभाग के नाम पर स्थानांतरित की जानी है। पिछले डेढ़ महीने से यह फाइल भोपाल में दो डायरेक्टर्स के बीच झूल रही है। बताया जा रहा है कि जब तक इस जमीन का स्थानांतरण नहीं होगा, तब तक डेयरी स्टेट व गोकुल ग्राम का काम शुरू नहीं हो जाएगा।

एेसे समझें मामला

पशुपालन विभाग से यदि जमीन पशुधन विकास निगम के नाम पर जमीन स्थानांतरित हो जाती है तो गोकुल ग्राम का रास्ता खुल जाएगा। प्रशासन के पास इस कार्य के लिए लगभग १० करोड़ रुपए का बजट भी है। सिर्फ जगह ही समस्या है।

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