खाने की विशेष व्यवस्था
वन अधिकारियों ने बताया कि हथिनी के भोजन के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। पन्ना रिजर्व टाइगर में उसे गन्ना दिया जाता था, यही वजह है कि नौरादेही में भी उसके लिए यही भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। हथिनी को विशेष वाहन से अभयारण्य लाया जाएगा और गुरुवार की शाम तक शिफ्टिंग पूरी हो जाएगी।
अब साथ में घूमने लगे राधा-किशन
नौरादेही अभयारण्य में कान्हा से बाघिन राधा को लाया गया था जबकि बाघ किशन को बांधवगढ़ से आया था। अधिकारियों के मुताबिक बाड़े से निकलने के बाद दोनों ने पूरा क्षेत्र घूम लिया है। खास बात यह है कि पिछले १० दिन में बाघ-बाघिन कई बार एक साथ देखे गए हैं, जो अभयारण्य को पटरी पर लाने के लिए शुभ संकेत है।
अमले को मिलेगी मदद
हाथी और हथिनी के आ जाने से नौरादेही का माहौल बदलने लगा है। बाघ-बाघिन की मॉनीटरिंग करने में कर्मियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था, अब हाथी-हथिनी का जोड़ा मिल जाने से वनकर्मी बाघ-बाघिन के बहुत नजदीक तक पहुंच सकेंगे।
नौरादेही की तस्वीर बदली
नौरादेही में पन्ना टाइगर रिजर्व से हथिनी लाई जा रही है। गुरुवार की सुबह यह नौरादेही पहुंच जाएगी। हाथी को काबू में लाने इससे मदद मिलेगी। अच्छी बात यह है कि बाघ-बाघिन कई बार एक साथ देखे गए हैं, जिससे नौरादेही की तस्वीर बदलती नजर आ रही है।-आरसी विश्वकर्मा, डीएफओ, नौरादेही वन्य अभयारण्य