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बीना के इस पटवारी ने कहा अधिकारियों को भी देने होते हैं रुपए, पूरे पच्चीस हजार चाहिए, जाने फिर क्या हुआ

जमीन का नामांतरण करने पटवारी मांग रहा था रिश्वत

सागरApr 10, 2019 / 08:52 pm

anuj hazari

The Patwari of Bina said that the officials also have to pay Rupay

The Patwari of Bina said that the officials also have to pay Rupay

बीना. लोकायुक्त की लगातार कार्रवाई होने के बाद भी रिश्वत के लालची कर्मचारी रुपए लेने से बाज नहीं आ रहे हैं। जमीन का नामांतरण करने के एवज में लोकायुक्त पुलिस ने आगासौद पटवारी अजय श्रीवास्तव को दस हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। पटवारी पर कार्रवाई करने के लिए फरयादी एडवोकेट रामसेवक पिता बाबूलाल नामदेव ने 8 अप्रैल को लोकायुक्त एसपी सागर के लिए आवेदन दिया था कि आगासौद गांव में उसकी बुआ की जमीन है जिसका नामांतरण वशीयत के आधार पर मेरे नाम से किया जाना था। लेकिन पटवारी द्वारा उसका काम नहीं किया गया और कई दिनों से चक्कर कटवा रहे हैं। इसके बाद लोकायुक्त के टेप रिकार्डर में फरयादी ने पूरी घटना कैद की। इसके बाद बुधवार को लोकायुक्त सागर ने डीएसपी राजेश खेड़े के नेतृत्व में कार्रवाई की है। फरयादी रामसेवक ने बताया कि उसके माता-पिता का कई वर्ष पूर्व देहांत हो गया था जिसके बाद वह अपनी बुआ-फूफा के यहां आगासौद में जाकर रहने लगा था। इसके कुछ समय बाद फूफा का भी देहांत हो गया। जिनकी संतान न होने के कारण फूफा पूरन प्रसाद नामदेव जमीन व मकान वसीयत में लिख गए थे। नामांतरण करने के लिए जब रामसेवक ने तहसील में केस लगाया तो पहली पेशी पर बुआ भगवती बाई के लिए बुलाया गया। जिसमें बुआ ने शपथ पत्र दिया कि वसीयत में लिखी गई जमीन रामसेवक को दी जाए पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। इसके बाद फरयादी ने वसीयत के आधार पर नामांतरण करने के लिए पटवारी अजय श्रीवास्तव से कहा तो उन्होंने उससे २५ हजार रुपए रिश्वत देने की मांग की और कहा कि बीस हजार रुपए हमें अपने अधिकारी को देने पड़ेंगे और मुझे केवल पांच हजार रुपए मिलेंगे। रामसेवक ने कहा कि रुपए में कुछ रियायत बरत दो तो पटवारी ने कहा कि रुपए पूरे लेगें नहीं तो केस लड़ते रहना जो सालों चलेगा। लोकायुक्त की कार्रवाई के बाद पटवारी मीडिया से मुंह छुपाता रहा। लोकायुक्त की टीम में डीएसपी राजेश खेड़े, एएसआई मनोज कोरकू, प्रधान आरक्षक महेश हजारी, आरक्षक यशवंत, अरविंद नायक, आशुतोष व्यास शामिल हैं।
तहसील के सामने स्थित एक दुकान पर दिए रुपए
तहसील कार्यालय के सामने स्थित एक दुकान पर बुधवार को पटवारी ने फरयादी रामप्रसाद के लिए बुलाया। फरयादी ने पहली किश्त के रुप में 10 हजार रुपए दिए। जो पटवारी ने दुकान में ही रखे अपने बैग में रख दिए। इसके बाद उसे कुछ शक होने पर वहां से चला गया और रुपयों से भरा बैग दुकान पर ही छोड़ गया। लोकायुक्त पुलिस दुकान से उसके चले जाने के बाद पटवारी के घर पहुंची जहां से उसे गिरफ्तार किया गया। इसके बाद दुकान ले जाकर रुपए भी जब्त किए। जिनके साथ उसे थाने लाया गया। जहां पर उसके हाथ को केमिकल में डुबाया तो केमीकल का रंग बदल गया। पुलिस आरोपी पटवारी के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत कार्रवाई की है।
रिपोर्ट पेश न करने और रिश्वत मांगने की एसडीएम से भी हुई शिकायत
आगासौद पटवारी अजय श्रीवास्तव पर जहां लोकायुक्त ने बुधवार को कार्रवाई की तो वहीं इन्हीं पटवारी द्वारा एक अन्य व्यक्ति का जमीनी विवाद निपटाने के लिए रुपए की मांग की गई थी। जिसके बाद फरयादी ने एसडीएम से शिकायत की है। शिकायत करने वाले कोमल कुशवाहा ने बताया कि परिवारिक बंटवारा कराने के लिए एक अक्टूबर को तहसील कार्यालय में केस लगाया था। लेकिन पटवारी द्वारा इसके लिए रिपोर्ट पेश नहीं की गई है। जिसके कारण काम पूरा नहीं हो सका। जब पटवारी से इस संबंध में बात की तो उन्होंने इसके एवज में दस हजार रुपए की मांग की। जिससे मानसिक रुप से परेशान होने के कारण इसकी शिकायत कोमल ने एसडीएम केएल मीणा से की है।

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