सागर

अनुबंध के नौ माह बाद भी नहीं मिली दुकान और अब छोडऩे बनाया जा रहा दबाव

महिला ने एसडीएम से की शिकायत

सागरSep 13, 2021 / 10:08 pm

sachendra tiwari

The shop was not found even after nine months of the contract and now the pressure is being made to leave

बीना. नगरपालिका की राम वार्ड स्थित सामुदायिक भवन की पांच नंबर दुकान किराए पर लेने की के लिए 4 जनवरी 21 को अनुबंध हुआ था और इसकी राशि 5 लाख 44 हजार रुपए भी जमा कर दी गई है, लेकिन अभी तक महिला को दुकान की चाबी नहीं दी गई है। साथ ही दुकान छोडऩे का दबाव बनाया जा रहा है। इसकी शिकायत महिला ने सोमवार को एसडीएम प्रकाश नायक से की है।
शिकायत में सुखवती पति शेरे धानक निवासी गंभीरिया बुजुर्ग खुरई ने उल्लेख किया है कि नगरपालिका की दुकान क्रमांक पांच का अनुबंध 4 जनवरी को किया था। कर्जा लेकर अनुबंध की 5 लाख 44 हजार रुपए राशि जमा थी और तीन माह का अग्रिम किराया भी जमा किया था, लेकिन कब्जा आज तक नहीं मिला है। जिन लोगों से कर्जा लिया था वह भी रुपए वापस करने दबाव बना रहे हैं। कुछ दिन पूर्व सीएमओ ने नगरपालिका बुलाया था कि दुकान की चाबी ले जाओ और जब नगरपालिका पहुंची तो उनके द्वारा एक कागज पर हस्ताक्षर कराए गए थे। इसके बाद कहा था कि कुछ दिन बाद दुकान की चाबी दे दी जाएगी, लेकिन दुकान नहीं मिली। महिला ने आवेदन में उल्लेख किया है कि वह परेशान हैं और मानसिक रूप से प्रताडि़त किया जा रहा है। दुकान का कब्जा जल्द से जल्द दिलाने की मांग की है, जिससे कर्ज लिए हुए रुपए वापस कर सकें और परिवार का भरण पोषण कर सकें।
नपा बुलाकर कहा विधायक के घर जाओ
महिला ने बताया कि 12 सितंबर को रविवार के दिन नपा कर्मचारी मुकेश तिवारी का फोन आया और कहा कि सीएमओ ने चाबी देने के लिए बुलाया है। इसके बाद वह अपने परिचित प्रमोद पटैरिया के साथ नगरपालिका पहुंची तो सीएमओ के आदेश पर दुकान छोडऩे का दबाव बनाया गया और कहा कि विधायक के घर जाने के लिए कहा, जिसपर महिला ने इंकार कर दिया।
मुझे नहीं जानकारी
किराए पर दुकान देना नगरपालिका का काम है और इस संबंध में मुझे जानकारी नहीं है। कर्मचारी द्वारा मेरे घर जाने की बात क्यों कही गई इस संबंध में जानकारी लेंगे।
महेश राय, विधायक, बीना
राशि वापस करने का दिया है आवेदन
महिला द्वारा 31 अगस्त 21 को राशि वापस करने का आवेदन दिया गया था। यह मामला दो साल पुराना है और फाइल एसडीएम को दे दी गई है।
सुरेखा जाटव, सीएमओ, बीना

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