झुलसा देने वाली गर्मी में महिलाएं, बच्चे जा रहे पानी लेने
भीषण गर्मी में जहां पारा 45 के पार तक जा रहा है, वहां लोगों को पानी के लिए कड़ी दोपहर में जाना पड़ रहा है। झुलसा देने वाली धूप में भी गांव की महिलाएं, पुरुष व बच्चे पानी की तलाश में भटकते हुए नजर आते हैं। जहां पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। गांव की महिलाओं ने बताया कि पूरे गांव में एक बोरवेल से पानी की सप्लाई हो रही है। अलग-अलग बस्ती में अलग-अलग दिनों में पानी आता है। ऐसे में तीन से चार दिन में एक बार नंबर आता है। अन्य दिनों में पानी के लिए खेतों में लगे बोर और कुओं से पानी लाना पड़ता है।
ग्रामीणों ने बताया कि गांव में नल जल योजना की पाइप लाइन तो डाली गई है लेकिन पानी की टंकी का निर्माण पूरा नहीं हुआ है। पानी की टंकी बन जाने के बाद शायद नल जल योजना की पाइप लाइन में पानी आ सकता है।
भरछा गांव के सरपंच चंद्रप्रकाश राजपूत ने बताया कि पंचायत में केवल एक ही गांव है। बड़ी ग्राम पंचायत है और इसकी आबादी करीब 4200 के आसपास है। गांव के हैंडपंप से पानी आना बंद हो गया है। केवल एक बोरवेल से पूरे गांव में पानी की हर दिन बदल बदलकर बस्तियों में सप्लाई कर रहे हैं। पानी की समस्या को लेकर जनपद पंचायत, एसडीएम और पीएचई विभाग को अवगत करा चुका हूं लेकिन समस्या हल नहीं हो रही है।
पीएचई विभाग के एसडीओ राहुल अर्मो का कहना है कि भू-जलस्तर नीचे जाने से परेशानी बढ़ गई है। भरछा पंचायत में 8 हैंडपंप हैं, जिसमें से 5 हैंडपंप चालू है लेकिन उनमें कम पानी आ रहा है। स्कूल और आंगनबाड़ी केन्द्र में लगे अलग-अलग हैंडपंपों में पानी की मोटर डली हुई है। एक हैंडपंप अतिक्रमण होने की वजह से स्थायी रूप से बंद है। पुरानी नल जल योजना बोर से चल रही है। जबकि नई नल जल योजना की टंकी का कार्य प्रगति पर है।