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सागर

इस गांव में आजादी से आज तक नहीं हो सकी पीने के पानी की व्यवस्था, पढ़े खबर

गांव के लोग रेलवे लाइन पार करके जा रहे पानी लेने

सागरApr 09, 2019 / 08:57 pm

anuj hazari

 This village can not be used till independence from drinking water system

This village can not be used till independence from drinking water system

बीना. भले ही आजादी के लिए 70 साल से ज्यादा वर्ष हो गए हैं, लेकिन अभी भी कई गांव ऐसे हैं जहां पर लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं, लेकिन वह मांगे अभी तक पूरी नहीं हो सकी हैं। परेशान लोग अब लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का मन बना रहे हैं। शहर से करीब आठ किलोमीटर दूर देहरी टपरा गांव के लोग नरकीय जीवन जीने के लिए मजबूर हैं, लेकिन कोई भी जनप्रतिनिधि व प्रशासन की ओर से अधिकारी यहां लोगों की समस्या सुनने नहीं आया है। गांव के लोग सालों से पीने के पानी की समस्या से जूझ रहे हैं और इस समस्या का हल आज तक नहीं निकाला जा सका है। देहरी टपरा गांव आदिवासी बाहुल्य है जो लोग मजदूरी करके अपना घर चलाते हैं। लोग सुबह से घर का पानी भरते है इसके बाद काम पर जाते हैं और वहां से लौटने के बाद फिर से पानी के लिए मशक्कत करनी पड़ती है। इस गांव में करीब चार सौ से ज्यादा लोग रह रहे हैं जो पानी की तलाश में भटकते रहते हैं। अभी गांव के लोग रेलवे लाइन पार करके दूसरी तरफ पानी लेने के लिए जाते हैं। पानी के लिए परेशान महिलाएं अपने छोटे बच्चों को अपने साथ लेकर भी जाती हैं। इस गांव में किए गए पानी के लिए बोरवेल सफल न होने से लोग एक-एक बूंद पानी के लिए परेशान होते रहते हैं। यदि किसी घर में रात में पानी खत्म हो जाए तो या तो वह दूसरों के घर से मांगकर पानी पीते हैं या फिर सुबह होने का इंतजार करते हैं। लेकिन सवाल यह उठता है कि इस प्रकार की स्थिति निर्मित होने के बाद भी कोई भी अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।
हो सकता है हादसा
जिस रेलवे लाइन को पार करके लोग पानी भरने के लिए जाते हैं उस लाइन से चौबीसों घंटे टे्रनें निकलती है यदि वहां से निकलते समय जरा सी भी चूक हो जाती है तो बड़ा हादसा होने से भी इंकार नहीं किया जा सकता है क्योंकि यहां लोग टोलियों के रुप में पानी भरने के लिए जाते हैं।
कुएं में दिखने लगी तलहटी
यहां जलसंटक इतना ज्यादा गहरा गया है कि जिस कुएं से सैकड़ों लोगों की प्यास बुझती है उस कुएं की भी तलहटी दिखने लगी है। कुआं भी सूख गया है जिससे लोगों को वहां से भी पानी नहीं मिल रहा है अब स्थिति यह है कि जल्द ही यदि कोई व्यवस्था पानी के लिए नहीं की गई तो लोग पलायन करने के लिए मजबूर हो जाएंगे।
पानी के टैंकरों से की जा सकती है पूर्ति
हैंडपंप व ट्यूबवेल सूख जाने के बाद गांव में लोगों की प्यास बुझाने के लिए सुबह से शाम पानी के टैंकरों से सप्लाई करने पर कुछ हद तक राहत दी जा सकती है लेकिन इसके लिए अभी तक कोई भी प्रयास प्रशासन की ओर से नहीं किए गए हैं।
बड़ा दिए है पानी के पाइप
गांव में स्थित बोरवेल में पानी के लिए पाइप लाइन बढ़वा दिए गए हैं, जिससे लोगों को पानी मिलने लगा है।
सुरेन्द्र साहू, सीईओ, बीना

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