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video: यहां पहले लगाई नर्सरी, किए लाखों खर्च, अब पेड़ों पर चल रही कुल्हाड़ी

पेड़ काटकर बनाया जा रहा प्लांट

सागरJan 17, 2019 / 08:38 pm

sachendra tiwari

Trees being cut in the railway area

बीना. रेलवे द्वारा जैव ईंधन बनाने के लिए स्टेशन से कुछ दूरी पर रतनजोत के हजारों पौधों की नर्सरी तैयार की गई थी और यहां यह पौधे अब वृक्ष बन चुके हैं, लेकिन इन हरेभरे वृक्षों पर कुल्हाड़ी चलाईजा रही है। पेड़ों को काटकर यहां बीना-कटनी थर्ड लाइन का फ्लेस बट बेल्डिंग प्लांट बनाया जा रहा है।
एक ओर धरती को हराभरा करने के लिए अधिक से अधिक पौधे लगाए जा रहे हैं, इसमें रेलवे द्वारा भी अभियान चलाए जाते हैं, लेकिन दूसरी ओर वर्षों पुराने हजारों पेड़ों को काटा जा रहा है। पेड़ काटकर यहां थर्डलाइन में उपयोग होने वाली पटरियों को रखा जाएगा। इसके लिए वहां ट्रेक बिछाया जाएगा, जिससे मालगाड़ी अंदर तक पहुंच सके। इसी प्लांट में पटरी से संबंधित काम किया जाएगा। प्लांट के लिए नर्सर के 995 पेड़ों को काटने के लिए चिंहित कर दिया गया है, जिसमें बड़ी संख्या में पेड़ काटे भी जा चुके हैं। यह प्लांटनर्सरी की जगह पर न बनाकर दूसरी जगह भी बनाया जा सकता था, क्योंकि रेलवे की पास सैकड़ों एकड़ जमीन खाली पड़ी है। इसके भी हरेभरे पेड़ों को काटा जा रहा है। इतनी बड़ी नर्सरी होने के बाद भी रेलवे के अधिकारियों ने यहां प्लांट बनाने की अनुमति दी है।
पर्यावरण मंत्री से की शिकायत
इस मामले में पश्चिम मध्य रेलवे कर्मचारी परिषद केन्द्रीय पर्यावरण, वन मंत्री से शिकायत भी की है। जिसमें उल्लेख किया गया है कि एक तरफ प्रधानमंत्री द्वारा ग्लोवल वार्मिंग रोकने के लिए करोड़ों पौधे लगवाए जा रहे हैं और यहां बड़े-बड़े पेड़ों को काटा जा रहा है। परिषद ने मांग की है कि पेड़ों की कटाई रुकवाकर इस प्लांट को दूसरी जगह शिफ्ट किया जाए।
जहां ट्रेक वहां बनता है प्लांट
रेलवे के पास पर्याप्त जगह है, लेकिन यह प्लांट वहां बनता है जहां रेलवे ट्रेक हो और यदि वहां पेड़ काटे जा रहे हैं तो उससे चार गुना अधिक पौधों को रोपा जाएगा। अन्य जगहों पर भी विकास के लिए पेड़ काटते हैं और नए पौधे रोपे जाते हैं।
शोभन चौधरी, डीआरएम, भोपाल

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